प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi ने दुनिया की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी Staute Of Unity' को देश को समर्पित कर दिया है। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल Sardar Vallabhbhai Patel की इस प्रतिमा का अनावरण उनकी 143वीं जयंती पर किया गया। पीएम मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद भारतीय वायुसेना के तीन विमानों ने उड़ान भर भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरा। वायुसेना के विमानों ने सरदार पटेल की प्रतिमा को सलामी भी दी। इस दौरान पीएम नेे कहा कि अगर सरदार न होते तो सोमनाथ मंदिर और गिर के शेरों और हैदराबाद की चारमीनार को देखने के लिए वीजा लेना पड़ता। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। पीएम मोदी का मानना है कि जमीन से जुड़े रहे सरदार पटेल अब आसमान की भी शोभा बढ़ाएंगे।
मूर्ति को देखने के लिए खर्च करने होंगे इतने रूपयेआइए आपको बताते हैं की इस मूर्ति को देखने के लिए आपको क्या करना होगा और कितनी है इस मूर्ति का दीदार करने की टिकट।। इस प्रतिमा को देखने के लिए देश और दुनिया से लोग आएंगे और इस वजह से आसपास के टूरिस्ट स्पॉट डेवलप किए गए हैं। इसके लिए मूर्ति के 3 किलोमीटर की दूरी पर एक टेंट सिटी भी बनाई गई है, जहां आप रात भर रुक भी सकते हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है, जिसके सामने 120 मीटर ऊंची चीन वाली स्प्रिंग बुद्ध मूर्ति और 90 मीटर ऊंची न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी बहुत छोटी लगती है। इसकी ऊंचाई है 182 मीटर। इसके लिए भारतीय और चीनी मजदूरों ने मिलकर काम किया। 5700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18500 मीट्रिक टन
रिइनफोर्समेंट बार्स से बनी इस मूर्ति में लेजर लाइटिंग लगेगी, जो इसकी रौनक हमेशा बनाए रखेगी। इसके नीचे एक म्यूजियम भी है। मूर्ति में दो लिफ्ट लगी है, जो कि सीने तक जाएगी, जहां से आप गैलरी और बाहरी नजारे का आनंद ले सकेंगे। वहां से सरदार सरोवर बांध तक का दृश्य दिखेगा। यहां लिफ्ट के स्थान पर आपको सरदार सरोवर बांध का नजारा दिखेगा और वादियां देखने को मिलेंगी। इस मूर्ति तक आपको नाव के जरिए पहुंचना होगा। एक दैनिक अखबार के मुताबिक, इसका दीदार करने के लिए 350 रुपये फीस का भुगतान भी करना होगा। 3 से 15 साल तक के बच्चों के लिए भी टिकट की कीमत 350 रुपये ही है।
ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए आपको www.soultickets.in पर जाना होगा। इस वेबसाइट पर आपको हर जरूरी जानकारी मिल जाएगी। मूर्ति के निर्माण के लिए केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2014 में 'लार्सन एंड टूब्रोट कंपनी को ठेका दिया गया था। माना जा रहा है कि इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है।
सरदार पटेल की इस प्रतिमा का निर्माण नोएडा के शिल्पकार पद्मभूषण राम वी सुतार ने किया है। सुतार ने अपने 40 साल के करियर में 50 से अधिक प्रतिमाओं को आकार दिया है। बताया जाता है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिमा में पटेल का चेहरा वैसा ही दिखे जैसे वे असल में दिखते थे सुतार ने उनकी 2000 से अधिक तस्वीरों का अध्ययन किया। सुतार ने उन इतिहासकारों से भी संपर्क किया जिन्होंने पटेल को देखा था। प्रतिमा के अनावरण से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।"