कानपुर : पिता ने अपनी ही बेटी को काट डाला, कहा- हरकतों से हो रही थी बदनामी

अक्सर सम्मान की दौड़ में इंसान अपराध की पंक्ति में खड़ा हो जाता हैं और कुछ ऐसे काम कर डालता हैं जो गैरकानूनी हो । ऐसा ही एक ऑनर किलिंग का मामला कानपुर देहात में सामने आया जहां एक पिता ने ही अपनी बेटी को काट डाला क्योंकि बेटी पिता के मना करने के बाद भी प्रेमी से मिलती रही। गजनेर के खनपना गांव में बेटी की हत्या के आरोप में शिवनाथ कमल पकड़ा गया हैं और उसने इस घटना को अंजाम तब दिया जब बुधवार को प्रेमी के घर अपनी बेटी को देखा। आरोपी ने पुलिस हिरासत में जुर्म कबूल किया। उसने कहा कि बेटी की हरकतों से समाज में बदनामी हो रही थी। लगातार समझा रहा था।

इसके बाद भी वह मानने को तैयार नहीं थी। कहा कि घर के सामने रहने वाले बिरादरी के युवक अवधेश से संबंध थे। परिवार में कभी इस तरह की बात नहीं हुई। रिश्तेदारों तक यह चर्चा हो गई थी। आगे चलकर बेटी की शादी में भी परेशानी आती। वह कुछ समझने को तैयार नहीं थी। इससे आवेश में आकर उसकी हत्या कर दी।

मजदूरी कर बेटी को प्यार से पाला था

पुलिस हिरासत में फफकते हुए कहा कि मेहनत मजदूरी करके बेटी को प्यार से पाला था। कभी सोचा नहीं था कि ऐसी नौबत आएगी। शिवनाथ के इस कृत्य से गांव के लोग स्तब्ध है। ग्रामीणों ने कहा कि शिवनाथ मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता रहा। गांव में कभी किसी के साथ उसकी कहासुनी नहीं हुई। इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है इस पर लोगों को अभी भी यकीन नहीं हो पा रहा है।

मां घर में होती तो बच सकती थी घटना

खनपना गांव में पिता ने प्रेमी के घर में बेटी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। घटना से तीन दिन पहले उसकी मृतका की मां सीमा देवी मायके चली गई थी। घटना की जानकारी पर वह घर आई और बिलखती रही। उसने कहा कि अगर वह मायके न जाती तो शायद घटना न होती। उसके घर में न होने की वजह से बेटी प्रेमी से मिलने पहुंच गई। छोटे भाई बहन सो गए। उन्हें जानकारी नहीं हो सकी।

बिटान की हत्या के बाद बिलखते रहे भाई-बहन

खनपना गांव में बिटान की हत्या के बाद भाई बहन बिखलते रहे। परिवार के लोग कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हुए। बड़ी बहन के शव से लिपट नेहा व प्रिया रोती रहीं। छोटा भाई विवेक भी रो रहा था। जबकि, बड़ा भाई दिनेश भी गुमसुम था। दिनेश ने बताया कि मां घर में नहीं थी। पिता के साथ वह पास के गांव में मजदूरी करने गया था। वहां रात तक ढलाई का काम चलता रहा। इससे रुकना पड़ा। काम खत्म होने के बाद घर पहुंचे तो बहन नहीं थी। इसे पिता बेहद गुस्से में थे। वह उसके लौटने के इंतजार में पूरी रात जागते रहे थे। सुबह पड़ोसी के घर में देखकर उन्होंने आपा खो दिया।