भारतीय संस्कृति की जड़ों को दिखाने वाली हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता हैं। यह दिन हमारे देश के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता हैं, जो कि जरूरी भी हैं। क्योंकि हाल ही के दिनों में देशवासियों का झुकाव अंग्रेजी के प्रति बढ़ गया हैं, हांलाकि यह कोई गलत बात नहीं हैं। लेकिन इसी के साथ ही हिंदी का सम्मान किया जाना भी जरूरी हैं। हिंदी की महत्ता बढाने के लिए ही हिंदी दिवस के इस ख़ास दिन को उत्सव के तौर पर मनाया जाता हैं।
स्कूलों और कॉलेजों में प्रबंधन समिति हिंदी वाद-विवाद, कविता या कहानी बोलने की प्रतियोगिताएं आयोजित करती है। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और शिक्षक हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए भाषण भी देते हैं। कई स्कूल इंटर स्कूल हिंदी वाद-विवाद और कविता प्रतियोगिताओं की मेजबानी करते हैं। इंटर-स्कूल हिंदी निबंध और कहानी लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। यह हिंदी भाषा को सम्मान देने का दिन है जो विशेषकर नई पीढ़ी के बीच अपना महत्व खो रही है।
यह दिन कार्यालयों और कई सरकारी संस्थानों में भी मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति को आनन्दित करने के लिए लोग भारतीय जातीय परिधान पहनते हैं। महिलाएं सूट और साड़ियाँ पहनती हैं और पुरुष इस दिन कुर्ता पजामा पहनते हैं। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोग उत्साह से उसमें भाग लेते हैं। बहुत से लोग हिंदी कविता पढ़ना और हमारी संस्कृति के महत्व के बारे में बात करते हैं।
हिंदी दिवस हमारे सांस्कृतिक जड़ों को फिर से देखने और अपनी समृद्धता का जश्न मनाने का दिन है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इसका आदर और उसका मूल्य समझना चाहिए।