चेन्नई / कोरोना दवा का खुद पर किया टेस्ट, डॉक्टर की मौत

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर जारी है। कोरोना वायरस से अब तक 40 लाख 65 हजार 870 लोग संक्रमित हैं। 2 लाख 78 हजार 375 की मौत हो चुकी है। 14 लाख 15 हजार 268 ठीक हो चुके हैं। वहीं, भारत की बात करे तो यहां 62 हजार से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ चुके है। पूरी दुनिया में इससे बचने के उपाय लगातार ढूंढे जा रहे हैं। भारत समेत कई देश इसमें लगे हुए हैं। इसी बीच चेन्नई में एक डॉक्टर कोरोना वायरस के इलाज के लिए बनाई गई दवा का खुद पर परिक्षण किया लेकिन परीक्षण के दौरान ही उसकी मौत हो गई। यह घटना चेन्नई की है, यहां पेरुंगुडी के रहने वाले के शिवनेसन, एक आयुर्वेदिक उत्पादन कंपनी के साथ फार्मासिस्ट और प्रोडक्शन मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे, जो कफ सिरप के लिए प्रसिद्ध है।

इसी बीच कोरोना वायरस से निपटने के लिए शिवनेसन और उनके बॉस राजकुमार एक दवा खोजने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कोरोना के लिए जो दवा बनाई उसे खुद अपने ही ऊपर टेस्ट करने लगे। राजकुमार ने उस दवा की कुछ बूंदें पी लीं और शिवनेसन ने ज्यादा मात्रा में उसका सेवन कर लिया।

दवा के सेवन के बाद दोनों बेहोश हुए

दवा का सेवन करते ही वे दोनों बेहोश हो गए। उन दोनों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। शिवनेसन की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि राजकुमार की हालत स्थिर बताई जा रही है और उनका इलाज चल रहा है। मामले में पुलिस की टीम भी जांच कर रही है।

मालूम हो कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर परेशान है। अभी तक कोई भी देश इससे लड़ने के लिए वैक्सीन नहीं खोज पाया है। ये अलग बात है कि तमाम देश इसे बनाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं।

चीन में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल दूसरे चरण पर

चीन ऐसा पहला देश है जहां कोरोना वैक्सीन का ट्रायल दूसरे चरण में है। चीन के वैक्सीन विकास कार्यक्रम पर पूरी तरह से चीन की फौज यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का नियंत्रण है। अमेरिका में भी वैक्सीन बनाने का काम जोरों पर चल रहा है।

इजरायल के रक्षा मंत्री ने दवा बनाने का दावा किया

हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री नैफताली बेन्नेट ने भी यह दावा किया है कि इजरायल के आईआईबीआर संस्थान ने कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित कर ली है। संस्थान ने एंटीबॉडी बना ली है। अब वैक्सीन के विकास के स्टेज पूरे हो चुके हैं। अब इसके पेटेंट और बड़े पैमाने पर उत्पादन की तैयारी शुरू हो रही है। लेकिन बेन्नेट ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल या ह्यूमन ट्रायल हुआ है या नहीं। नैफताली बेन्नेट ने कहा कि इजरायल अपने लोगों की सेहत और इकोनॉमी को संतुलित करने का प्रयास कर रहा है।

इसके अलावा ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सबसे बड़ा इंसानी ट्रायल कर रही है। भारत की भी करीब आधा दर्जन कंपनियां कोरोना की वैक्‍सीन बनाने में जुटी हुई हैं।