नई दिल्ली। हाथरस भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति की मांग करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई।
अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 2 जुलाई की घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिका में सभी राज्य सरकारों को भगदड़ की घटनाओं से निपटने के लिए ब्लॉक/तहसील से लेकर जिला स्तर तक उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति प्रस्तुत करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
मंगलवार को एक धार्मिक समागम में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश महिलाएं थीं, क्योंकि श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत हो गई और शव एक-दूसरे के ऊपर ढेर हो गए, जो हाल के वर्षों में इस तरह की सबसे भीषण त्रासदी थी।
हाथरस जिले के फुलराई गांव में बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे, जिन्हें साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है।