हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के खिलाड़ियों को फरमान सुनाते हुए कहा है कि सभी खिलाड़ियों को अपनी आय का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल समिति को जमा कराना होगा। राज्य सरकार ने सभी खिलाड़ियों से पेशेवर समारोह से मिलने वाली पुरस्कार राशि और विज्ञापनों से मिलने वाले पैसों का एक-तिहाई हिस्सा देने की बात कही है। इस फरमान संबंधी एक नोटिफिकेशन सामने आया है, जो 30 अप्रैल 2018 को जारी किया गया था। इस नोटिफिकेशन के तहत खिलाड़ियों को खेलकर कमाई गई अपनी आय का एक तिहाई हिस्सा हरियाणा स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल को देना होगा, ताकि प्रदेश में खेलों को प्रोत्साहित करने में उसका प्रयोग किया जा सके।
अधिसूचना में कहा गया, "खिलाड़ी उनके पेशेवर समारोहों और विज्ञापनों से करार से मिलने वाले धन का एक-तिहाई हिस्सा हरियाणा राज्य खेल परिषद को देंगे और यह धन राज्य में खेल के और उभरती प्रतिभाओं के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा।"
इस कदम की कई खिलाड़ियों ने आलोचना की है और साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को भी फटकार लगाई है।
नया नियम खिलाड़ियों का मजाक बना रहा है : गीता फोगाटभारत की महिला कुश्ती पहलवान गीता फोगाट ने एक टेलीविजन चैनल को दिए बयान में कहा, "यह नया नियम खिलाड़ियों का मजाक बना रहा है। क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए तो ऐसा कोई नियम नहीं है, जो अन्य खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से अधिक कमाते हैं। क्रिकेट खिलाड़ी विज्ञापनों से बहुत पैसा कमाते हैं, लेकिन मुक्केबाजी, कबड्डी और कुश्ती के खिलाड़ी इतना नहीं कमाते हैं।" गीता ने सरकार से सवालिया लहजे में कहा, "अगर हम अपनी कमाई का एक-तिहाई हिस्सा दे देंगे, तो यह हमारे लिए सही नहीं होगा। ऐसी स्थिति में हमारे लिए क्या रह जाएगा?"
सुशील कुमार ने कहा- फैसले पर दोबारा विचार हो- रेसलर सुशील कुमार ने कहा, "इस फैसले पर दोबारा विचार होना चाहिए। सरकार को वरिष्ठ खिलाड़ियों की एक समिति बनानी चाहिए और इस तरह की पॉलिसी बनाने से पहले उनकी भी राय लेनी चाहिए। ये फैसला खिलाड़ियों के आत्मविश्वास और हो सकता है कि उनके प्रदर्शन पर भी असर डाले।"