हरियाणा: अल्पमत में होने के बावजूद नहीं जाएगी भाजपा सरकार, अक्टूबर में होंगे चुनाव

चंडीगढ़। हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार से मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिसके बाद राज्य सरकार अल्पमत में आ गई है। इन तीनों विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। निर्दलीयों के समर्थन वापस लेने से राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। वैसे भाजपा की सरकार गिरने का कोई खतरा नहीं है। इसका कारण यह है कि भाजपा के पास 47 विधायकों का समर्थन है। इसके चलते अक्टूबर में जब तक विधानसभा चुनाव नहीं हो जाते तब तक हरियाणा में अल्पमत की सरकार चलेगी।

हरियाणा की मौजूदा विधानसभा में कुल 88 सदस्य हैं। बहुमत का आंकड़ा 45 है। सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है। इनमें एक HLP और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं। भाजपा सरकार को बहुमत के लिए दो विधायकों की कमी है। हालांकि, भाजपा का दावा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है। उसके साथ अपने 40 विधायक हैं और दो निर्दलियों और गोपाल कांडा के साथ ही JJP के 4 विधायकों का समर्थन है। इस तरह कुल 47 विधायक हैं और इसलिए सरकार को कई खतरा नहीं है।

दरअसल, हाल के दिनों में JJP के कुछ विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का संकेत दिया था। हालांकि, JJP ने मार्च में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। सदन में भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार पर कोई संकट नहीं है।

6 महीने तक सरकार पर कोई संकट नहीं

यह सही है कि हरियाणा में नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है, लेकिन इस सरकार को 6 महीने तक कोई संकट नहीं है। अभी भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन है, जिसमें 40 विधायक अपने और तीन अन्य विधायक हैं। भाजपा ने जेजेपी के भी चार विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। सवाल यह है कि क्या तीन निर्दलीयों के समर्थन वापसी से और उनका कांग्रेस को समर्थन देने से क्या कांग्रेस सरकार बना सकती है। इसका जवाब है—नहीं। कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। तीन और जुड़े तो ये संख्या 33 हो जाती है। जेजेपी के 10 विधायक कांग्रेस के साथ तो फिलहाल जाने वाले नहीं हैं और जाते भी हैं तो ये संख्या 43 ही होती है। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या कांग्रेस भाजपा को सदन में बहुमत साबित करने के लिए कह सकती है। जवाब है नहीं कह सकती। इसकी वह भी साफ नजर आ रही है, क्योंकि 13 मार्च को ही नायब सिंह सैनी की सरकार ने बहुमत साबित किया है और नियम है कि इसके छह महीने तक कोई विश्वास मत परीक्षण नहीं हो सकता है। यानी 13 सितंबर तक विश्वास मत परीक्षण का प्रस्ताव कोई नहीं ला सकता है।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि शायद सबसे पुरानी पार्टी अब कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में लगी हुई है और पार्टी को जनता की इच्छाओं से कोई लेना-देना नहीं है।