हरियाणा: ब्लैक फंगस का बढ़ता कहर, सात और मरीजों की हुई मौत

कोरोना संक्रमण की महामारी से जूझ रहा भारत अब 'म्यूकर माइकोसिस' यानी ब्लैक फंगस नाम की बीमारी की चपेट में आ गया है। देश में अबतक इस गंभीर बीमारी के करीब 9000 केस दर्ज किए जा चुके हैं। कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर दिया है। हरियाणा में ब्लैक फंगस का कहर बढ़ता जा रहा है। राज्‍य में ब्‍लैक फंगस से रविवार को 7 और मरीजों की मौत हो गई है। अग्रोहा मेडिकल कालेज में 5 (3 हिसार और 2 भिवानी के), रोहतक पीजीआइ में 1 और मुलाना मेडिकल कालेज अंबाला में 1 मरीज की मौत हो गई है। अंबाला के मुलाना मेडिकल कालेज में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी 42 वर्षीय उमाकांत की मौत की हुई है। रोहतक पीजीआइ में जिसकी मौत हुई है वह सोनीपत जिले के गांव रिवाड़ा का रहने वाला था।

अग्रोहा मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस के कारण अभी तक 12 मरीज दम तोड़ चुके हैं। वहीं, ब्लैक फंगस से रिकवरी के बाद भिवानी व सिरसा के 1-1 और हिसार के दो मरीज घर लौट चुके हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान अग्रोहा में केवल एक ब्लैक फंगस संक्रमित को वार्ड में एडमिट किया गया। यहां अब हिसार के 31, सिरसा के 14, भिवानी के 17, पानीपत, रेवाड़ी के एक-एक संक्रमित भर्ती हैं। पीजीआइ रोहतक में 2 मरीजों को आइसीयू में रखा गया है। रविवार को अंबाला में 5 तथा फतेहाबाद और कैथल में 1-1 ब्लैक फंगस संक्रमित मिले हैं।

इन लोगों को ज्यादा खतरा

बता दे, ब्लैक फंगस उन लोगों में ज्यादा फैल रहा है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर, शुगर, गुर्दे की बीमारी, दिल की बीमारी रोग और जिनको उम्र संबंधी परेशानी है या फिर जो आर्थराइटिस (गठिया) जैसी बीमारियों की वजह से दवाओं का सेवन करते हैं। अगर ऐसे मरीजों को स्टेरॉयड दी जाती है तो उनकी इम्यूनिटी और कम हो जाएगी, जिससे फंगस को प्रभावी होने का मौका मिलेगा। ऐसे में डॉक्टरों की उचित देखरेख में समुचित तरीके से स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। स्टेरॉयड गंभीर रूप से बीमार कोविड मरीजों के लिए एक जीवन रक्षक उपचार माना जाता है हालांकि इसके कुछ दुष्प्रमाण भी सामने आ रहे हैं।