हर्षा रिछारिया को महाकुंभ में स्नान नहीं करने देंगे चाहे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े: स्वामी आनंद स्वरूप

महाकुंभ में पहले अमृत स्नान के दौरान पेशवाई के रथ पर बैठने और अपनी खूबसूरती को लेकर चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया के विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हर्षा रिछारिया अखाड़ा परिषद के महंत रविंद्र पुरी के संरक्षण में आ गई हैं, लेकिन स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि हर्षा को साधु वेश में महाकुंभ में स्नान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

भारत समाचार से बातचीत में स्वामी आनंद स्वरूप ने हर्षा रिछारिया के बारे में कहा, हर्षा का अपना ग्लैमरस जीवन है, वह उसे जीने में स्वतंत्र हैं, लेकिन साधु वेश में महाकुंभ में स्नान करना उनके लिए उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हर्षा को साधुओं का वस्त्र पहनने और उनके नाम पर काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। स्वामी आनंद स्वरूप ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें हर्षा से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कैलाशानंद के बारे में उनके विचार अलग हैं। उनका मानना है कि अगर कैलाशानंद ने हर्षा को संरक्षण न दिया होता, तो वह इतनी विवादास्पद बातें नहीं करतीं।

हर्षा को साधु वेश में स्नान नहीं करने देंगे

हर्षा रिछारिया के महाकुंभ में पुनः लौटने पर स्वामी आनंद स्वरूप ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हर्षा पहले महाकुंभ से चली गई थी, लेकिन उसे फिर से बुलाया गया। इस बार रविंद्र पुरी जी ने उसे बुलाया और कहा कि आओ देखते हैं कौन क्या कर लेता है तुम्हारा? स्वामी आनंद स्वरूप ने सवाल उठाया कि एक महिला के लिए अखाड़ा इतना परेशान क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि अखाड़ों को अपनी मर्यादा, समृद्धि और प्रतिष्ठा की चिंता करनी चाहिए, लेकिन यह क्या मामला है कि एक महिला के पीछे इतने सवाल उठाए जा रहे हैं, जैसे वह अमृत स्नान करने से किसी को मुक्ति दे सकती है।

स्वामी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अडिग हैं कि हर्षा को साधु वेश में स्नान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

गौरतलब है कि हर्षा रिछारिया अब अखाड़ा परिषद के महंत रविंद्र पुरी के संरक्षण में आ गई हैं। हर्षा ने महंत रविंद्र पुरी को अपने पिता के समान बताया और यह घोषणा की कि वह फिर से शाही रथ पर बैठकर अमृत स्नान करेंगी। हालांकि, स्वामी आनंद स्वरूप लगातार हर्षा पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कई साध्वियां महाकुंभ में आकर ज्ञान प्राप्त कर रही हैं और ध्यान में लगी हैं, लेकिन हर्षा केवल स्वांग रचने और फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए ढोंग कर रही हैं।