नाक के जरिए दी जाने वाली कोरोना वैक्‍सीन का चल रहा ट्रायल : स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन

देश में कोरोना की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) को लेकर भी वैज्ञानिक दिन रात एक किये हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि कोरोना की वैक्सीन (Covid Vaccine) इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में देश में विकसित हो जाएगी। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि भारत में अभी किसी इंट्रानेजल वैक्‍सीन का ट्रायल नहीं चल रहा है, हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट ने अमेरिकी बायोटेक कंपनी कोडाजेनिक्स (Codagenix Inc) के साथ मिलकर SARS-CoV-2 के खात्मे के लिए कोडाजेनिक्स CDX-005 वैक्सीन मैनुफैक्चरिंग शुरू कर दी है।

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने अपने साप्ताहिक कार्यक्रम संडे संवाद (Sunday Samvad) में कहा कि CDX-005 वैक्सीन एक इंट्रानेजल वैक्‍सीन होगी, जिसका एनिमल ट्रायल किया जा चुका है। अब कंपनी इस साल के अंत तक UK में इस वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल शुरू करेगी। हर्षवर्धन ने बताया कि कोडाजेनिक्स यूके में ही इसके ह्यूमन ट्रायल की प्रक्रीया शुरू करेगी। वहीं इसी वैक्सीन के भारत में क्लीनिकल ट्रायल का जिम्मा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के हाथों में होगा।

भारत बॉयोटेक भी दौड़ में


स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत बॉयोटेक ने इंट्रानेजल वैक्सीन को लेकर वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ करार किया है। जिसके ट्रायल, प्रोडक्शन और मार्केंटिंग की जिम्मेदारी भारत बॉयोटेक की रहेगी। वहीं इसके पहले चरण का ट्रायल सेंट लुइस यूनिवर्सिटी वैक्सीन एंड ट्रीटमेंट एंड इवैल्यूशन ट्रायल यूनिट में होगा। जिसके बाद भारत बॉयोटेक इसकी रिसिप्ट के आधार पर रेगुरेट्री का अप्रूवल मिलने के बाद देश में इसके क्लीनीकल ट्रायल का बीड़ा उठाएगी।

फरवरी 2021 तक खत्म हो जाएगा कोरोना

भारत में कोरोना वायरस महामारी अपने चरम से गुजर चुकी है और अब ढलान पर है। सरकार ने रविवार को इसका अधिकारिक ऐलान कर दिया। सरकार की ओर से नियुक्‍त वैज्ञानिकों की एक कमेटी ने अनुमान लगाया कि भारत में अब कोरोना वायरस संक्रमण का पीक गुजर चुका है। कमेटी ने कहा है कि कोरोना महामारी फरवरी 2021 तक खत्‍म होने की संभावना है और भारत में कोरोना के 10.6 मिलियन यानी एक करोड़ छह लाख से ज्‍यादा केस नहीं होंगे। अभी भारत में कोरोना के कुल 75 लाख से ज्‍यादा केस हैं। द इंडियन एक्‍सप्रेस से कमिटी ने कहा कि वायरस से बचाव को लेकर किए जा रहे उपाय जारी रखे जाने चाहिए। समिति ने महामारी के रुख को मैप करने के लिए कम्‍प्‍यूटर मॉडल्‍स का इस्‍तेमाल किया है। आपको बता दे, 17 सितंबर को देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस 10.17 लाख थे, इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है और ये 7.83 लाख तक पहुंच चुके हैं।