पाकिस्तान की जेल में 6 साल बिताने के बाद बुधवार को वतन लौटे हामिद नेहाल अंसारी (Hamid Nihal Ansari) ने बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) से मुलाकात की। हामिद और उनकी मां फौजिया अंसारी सुषमा स्वराज से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। सुषमा स्वराज से मुलाकात के दौरान हामिद और उनकी मां काफी भावुक नजर आए। उन्होंने सुषमा स्वराज और भारत सरकार का शुक्रिया किया। सुषमा स्वराज ने हामिद नेहाल अंसारी (Hamid Nihal Ansari) के प्रति संवेदना जताई और कहा कि आपका भाग्य आपको भारत ले आया। सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने कहा कि यह आपका दुर्भाग्य था कि आप वहां फंस गए थे। अपने बेटे की वतन वापसी से खुश फौजिया अंसारी ने सुषमा की तारीफ करते हुए कहा, ''मेरा भारत महान, मेरी मैडम महान, सब मैडम ने ही किया है। मैं तो बस इतनी मिठाई लेकर आई हूं, अगर 50 किलो लेकर भी आती तो वह भी कम थी।'' दरअसल हामिद निहाल अंसारी की वतन वापसी इतनी आसान नहीं रही। हामदि की वापसी के लिए फौजिया को छह साल दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनकी सबसे ज्यादा मदद की थी, इसीलिए जब बेटा वापस आया तो वह उन्हें श्रेय देना बिल्कुल नहीं भूलीं।
बता दें कि हामिद नेहाल अंसारी (Hamid Nihal Ansari) जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद थे। मंगलवार को ही उन्हें रिहा किया गया है। मंगलवार शाम भारतीय सीमा में दाखिल होते ही हामिद ने अपनी धरती को चूमा। उनके परिवार वाले वाघा बॉर्डर पर उन्हें लेने पहुंचे थे। बता दें कि छह साल पहले ऑनलाइन प्रेमिका से मिलने के लिए हामिद सीमा पार पहुंच गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था। भारत ने 95 बार पाकिस्तान से अनुरोध किया था कि पाक में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को हामिद से मिलने दिया जाए, लेकिन हर बार पाकिस्तान ने मांग ठुकरा दी थी। हामिद की मां फ़ौज़िया ने उनकी रिहाई के लिए काफ़ी कोशिश की। वह लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में रहीं और आख़िरकार हामिद अंसारी की पाक से रिहाई हुई और वो देश वापस लौटा।
गौरतलब है कि मुंबई के रहने वाले हामिद की पूरी कहानी शाहरुख खान और प्रीती जिंटा की फिल्म 'वीर-जारा' की तरह है। हामिद अंसारी पाकिस्तान की एक लड़की से ऑनलाइन दोस्ती हो गई थी और उसका दीवाना हो गया। ये दीवानगी इस कदर बढ़ी कि वो अपनी प्रेमिका से मिलने 2012 में अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंच गया। लेकिन यहां से उसकी मुश्किलें शुरू हो जाती हैं। पकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। भारतीय होना उसके लिए बड़ी मुसीबत थी। उस पर जासूसी का आरोप लगाया गया और फिर मुंबई में उसके परिवार को उसके बारे में महीनों कुछ भी पता ही नहीं चला। लेकिन हामिद की मां की महीनों की कोशिश और पाकिस्तान की अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के बाद पता चला कि हामिद पाकिस्तान की सेना की हिरासत में है। वहां उस पर सैनिक अदालत में मुकदमा चलाया गया और उसे फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनवाने के आरोप में तीन साल की सज़ा सुनाई गई।