सूरत: कोरोना मरीजों के लिए मिसाल बनी 105 साल की यह महिला, सिर्फ 9 दिनों में ठीक होकर घर लौटी

सूरत की 105 साल की ऊजीबा गोंडलिया का कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सका। कोरोना ने महिला को संक्रमित किया लेकिन उनके हौसले को वे हिला नहीं सका। खुद के कोरोना पॉजिटिव होने पर ऊजीबा बिलकुल भी घबराई नहीं। अस्पताल में भर्ती होने के बाद डोक्टरों से कहा कि बेटा, कोरोना मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है... मुझे कुछ नहीं होगा, देखना जल्दी ठीक होकर घर जाऊंगी। ऊजीबा स्वतंत्रता आंदोलन सहित कई ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही हैं। समर्पण अस्पताल के डॉक्टर भी उनका उत्साह देखकर आश्चर्यचकित हो गए। मात्र 9 दिन के उपचार के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। उनके ऊंचे मनोबल के सामने कोरोना हार गया। ऊजीबा के मनोबल से अस्पताल का स्टाफ भी प्रभावित है।

कोरोना को हरा कर ऊजीबा अपने घर आ गईं। परिजनों ने गर्म जोशी से उनका स्वागत किया। जिदंगी का शतक पार कर चुकी ऊजीबा उन लोगों के लिए मिसाल हैं, जो कोरोना पॉजिटिव हैं और इलाज ले रहे हैं। मूलत: राजकोट जिले के गोंडल तहसील के सुलतानपुर गांव और सूरत के सचिन में क्षेत्र निवासी 105 वर्षीय ऊजीबा 19 सदस्यीय संयुक्त परिवार में रहती हैं।

दादी का इलाज करने वाले डॉ. अनिल कोटडिया ने बताया कि उनकी कोरोना रिपोर्ट 11 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल में भर्ती होने के तीसरे दिन ही उनकी हालत में सुधार दिखने लगा। उनकी रिकवरी देखकर डॉक्टर का कहना है कि कि अगर कोरोना के डर से दूर और तनावमुक्त होकर उपचार लिया जाए, तो कई गुना फायदा होता है।