स्वतंत्रता दिवस विशेष : सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार

'लौह पुरुष' के नाम से जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस धरती पर 31 अक्टूबर 1875 को जन्म लिया। स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान रखते हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में जाने गए। सरदार पटेल ने माहात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। सरदार पटेल भारत के पहले गृहमंत्री थे। अपने देह को एकजुट करने में इनका बड़ा हाथ था और इसी बात से वे देश के लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बने। आज हम आपको सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचारों से अवगत करने जा रहे हैं।

* यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है। उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।

* मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो ,अन्न के लिए आंसू बहता हुआ।

* आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये।

* एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।

* शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है। विश्वास और शक्ति , दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं।

* बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है। जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए। जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है।

* अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ। जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है।