देश में कोरोना वैक्सीन की वजह से 68 साल के बुजुर्ग की हुई थी मौत, सरकार ने की पुष्टि

भारत में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद पहली मौत की पुष्टि सरकार द्वारा गठित पैनल ने कर दी है। इंडिया टूडे की खबर के मुताबिक 8 मार्च को 68 साल के बुजुर्ग को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई थी। वैक्सीन की डोज लगने के बाद बुजुर्ग में एनाफिलैक्सिस जैसे साइडइफेक्ट देखे गए। समिति के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने बताया, 'हां टीकाकरण के बाद पहली मौत हुई। मरीज में एनाफिलेक्सिस पाया गया था।' बता दे, एनाफिलेक्सिस एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है। इससे शरीर में बहुत तेजी से दाने उभर आते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, AEFI कमेटी के चेयरमैन डॉ एनके अरोड़ा की अध्यक्षता में तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि दो और लोगों में वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सिस की समस्या सामने आई। इनकी उम्र 20 साल के आसपास थी। हालांकि, हॉस्पिटल में इलाज के बाद दोनों पूरी तरह रिकवर हो गए थे। इन्हें 16 और 19 जनवरी को वैक्सीन लगाई गई थी। डॉ. अरोड़ा ने मामले में आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

तीन मौतों की पुष्टि होना बाकी

रिपोर्ट के मुताबिक, तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी पुष्टि होनी बाकी है। सरकारी पैनल की रिपोर्ट कहती है कि वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं, उनकी उम्मीद पहले से ही थी। इनके लिए मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ये रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सिस जैसे हो सकते हैं।

31 मौतों की असेसमेंट के बाद पहली मौत की करी पुष्टि

वैक्सीन लगने के बाद कोई गंभीर बीमारी या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है। AEFI के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों की असेसमेंट करने के बाद पहली मौत को कन्फर्म किया है।