धनतेरस से पहले सस्ते हुए सोना-चांदी, कीमतों में भारी गिरावट

सोने और चांदी (Gold silver price today) की कीमतों में बुधवार को भी नरमी देखने को मिल रही है। दरअसल, सोमवार को कोरोना वायरस की वैक्सीन की खबर आने से गोल्ड और सिल्वर में भारी बिकवाली देखने को मिली। निवेशक सोने में से पैसा निकाल कर स्टॉक मार्केट की तरफ बढ़ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि प्रॉफिट बुकिंग के कारण गोल्ड-सिल्वर में गिरावट आई, लेकिन लॉन्ग टर्म के लिहाज से इसकी वैल्यू बरकरार है।

यह है आज का भाव

कमोडिटी एक्सचेंज MCX में गोल्ड फ्यूचर्स (Gold price today) 91 रुपये यानी 0.18% गिरकर 50,410 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था। सिल्वर फ्यूचर्स भी 287 रुपये यानी 0.34% की नरमी के साथ 62,832 रुपये प्रति किलोग्राम था। वहीं, भारतीय बाजार में गोल्ड और सिल्वर 10 नवंबर को तेजी के साथ बंद हुए थे।

मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, मार्केट एक्सपर्ट यह सलाह दे रहे हैं कि निवेशक हर गिरावट पर गोल्ड में खरीदारी कर सकते हैं। फिलहाल इस समय गोल्ड का अहम सपोर्ट लेवल करीब 50 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर नजर आ रहा है। एक्सपर्ट्स की माने तो MCX में गोल्ड का सपोर्ट लेवल 50,330-50,000 रह सकता है जबकि इसका रेजिस्टेंस 50,800-51,000 लेवल पर रह सकता है। वहीं, चांदी की बात करें तो इसका सपोर्ट लेवल 62,500-61,800 है जबकि इसका रेजिस्टेंस लेवल 63,660-64,400 है। निवेशक गोल्ड को 50,000 रुपए के लेवल में और सिल्वर को 61800 रुपए के लेवल में खरीद सकते हैं।

किस वजह से सोने के दामों में आई गिरावट

अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने कोरोना रोगियों पर 90% ठीक होने वाली वैक्सीन का दावा किया है। फाइजर ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए तीसरे चरण वाली वैक्सीन लेने पर 90% से अधिक प्रभावी साबित हुई है। कंपनी द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार 'निष्कर्षों से पता चला है कि पहली बार डोज दिए जाने के 28 दिनों बाद और दूसरे बार दो खुराक दिए जाने के 7 दिन बाद मरीजों को राहत मिली है।'

हालांकि फाइजर इंक ने उन मामलों के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है, और सावधानी बरती है कि अध्ययन समाप्त होने तक प्रारंभिक राहत मिलने वालों की दर बदल सकती है। यहां तक कि कंपनी द्वारा ऐसे शुरुआती डेटा का खुलासा करना बेहद असामान्य है। फार्मा कंपनी से जुड़े अधिकारी बिल ग्रुबर ने कहा कि तीसरे चरण की वैक्सीन के नतीजों से हम बहुत प्रोत्साहित हैं। अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह संभावना नहीं है कि कोई वैक्सीन साल के अंत से पहले आ जाएगी और सीमित प्रारंभिक आपूर्ति को दिया जा सकेगा।

फाइजर और इसकी जर्मन पार्टनर कंपनी बायोएनटेक द्वारा लगाए गए टीके दुनिया भर में देर से परीक्षण में 10 संभावित वैक्सीन उम्मीदवारों में से एक हैं। उनमें से चार अब तक अमेरिका में किए जा रहे बड़े अध्ययन में शामिल हैं। एक अन्य अमेरिकी कंपनी मॉडर्न इंक ने भी कहा कि वह इस महीने के अंत में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के साथ एक आवेदन दायर करने में सफल हो सकती है।

फाइजर का कहना है कि वह अपनी टू-डोज वैक्‍सीन के इमर्जेंसी अथराइजेशन के लिए USFDA से इसी महीने अनुमति लेगी। मगर उससे पहले कंपनी दो महीने का सेफ्टी डेटा कलेक्‍ट करेगी। इस दौरान, 164 कन्‍फर्म मामलों पर क्लिनिकल ट्रायल चलते रहेंगे ताकि वैक्‍सीन की परफॉर्मेंस का और बेहतर ढंग से आंका जा सके। फाइजर ने कहा है कि स्‍टडी में वैक्‍सीन का एफिसेसी पर्सेंटेज बदलता रह सकता है।