IPL 2020 : ग्लेन मैक्सवेल ने टीम के सिर ही फोड़ डाला अपनी खराब फॉर्म का ठीकरा, कह डाली यह बड़ी बात

आईपीएल के इस 13वें सीजन में पंजाब का प्रदर्शन सबसे खराब रहा हैं जिसके चलते वे अंकतालिका में सबसे नीचे हैं। सात मैच में छह हार के साथ किंग्स इलेवन पंजाब को कड़ी चुनौती का सामना कर रहा हैं। राहुल, मयंक अग्रवाल और निकोलस पूरन को छोड़कर पूरा बल्लेबाजी क्रम फ्लॉप ही रहा। ऐसे में सबसे ज्यादा सवाल खड़े हो रहे हैं पंजाब के महंगे खिलाड़ी धुआंधारी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल पर क्योंकि उनकी वह फॉर्म नहीं देखने को मिली हैं जिसकी टीम को जरूरत थी।

आईपीएल-13 के लिए मैक्सवेल को बहुत सारा पैसा दिया गया, लेकिन वह बदले में प्रदर्शन नहीं दे पा रहे। मौजूदा सीजन के सात मुकाबलों में उन्होंने मात्र 58 रन बनाए हैं। इसमें 13 रन उनका सर्वाधिक स्कोर है। अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले मैक्सवेल का औसत जहां 14.50 का है वहीं उनकी स्ट्राइक रेट 95.08 का है। उन्होंने अब तक के टूर्नामेंट में सिर्फ पांच चौके ही लगाए हैं, जबकि छक्के के लिए लगता है और इंतजार करना पड़ेगा।

10.75 करोड़ में पंजाब ने खरीदा

पंजाब की टीम ने उनपर बड़ा दांव लगाते हुए उन्हें 10.75 करोड़ में अपने साथ जोड़ा। वे इस बार के आईपीएल में दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। लेकिन इतनी बड़ी कीमत और अपनी छवि से अलग वे बल्ले और गेंद दोनों से ही टीम पर बोझ बने हुए हैं। अपनी खराब फॉर्म और लचर प्रदर्शन को दरकिनार करते हुए अब यह बल्लेबाज इन नाकामयाबियों को दोष स्थिति और टीम मैनेजमेंट द्वारा दिए जा रहे बल्लेबाजी क्रम पर मढ़ रहा है।

पीटीआई से बात करते हुए 31 वर्षीय इस विक्टोरियन खिलाड़ी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने के दौरान मेरी भूमिका स्पष्ट होती है। प्लेइंग इलेवन में अधिकतर एक ही होता है। सभी खिलाड़ियों को उनका रोल बखूबी पता होता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। हमारे शुरुआती चार बल्लेबाजों ने ही अधिकतर मुकाबलो में ज्यादातर बल्लेबाजी की है। मध्यक्रम अधिक मौके नहीं मिले, विकेट की अपेक्षाकृत धीमी है। मानसिकर स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मैक्सवेल ने पिछले आईपीएल में भाग नहीं लिया था।

2014 के सीजन के आधे मुकाबले भारत के साथ-साथ यूएई में भी खेले गए थे, तब 552 रन बनाकर मैक्सवेल ने किंग्स इलेवन पंजाब को उसके पहले फाइनल में एंट्री दिलवाई थी, हालांकि तब टीम को खिताबी मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स से हार का कड़वा स्वाद चखना पड़ा था। 2017 में इस ऑस्ट्रेलियाई को KXIP का कप्तान नियुक्त किया गया था। 2018 में दिल्ली ने उन्हें खरीदा था, लेकिन वहां भी प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था।