नए आबकारी मंत्री ने राजस्थान में शराबबंदी करने से साफ किया मना, बोले- जहरीली से अच्छा है सरकारी शराब पीएं

राजस्थान में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के बाद आबकारी विभाग की जिम्मेदारी परसादी लाल मीणा को सौंपी गई हैं। पदभार ग्रहण करते हुए परसादी लाल मीणा ने शराबबंदी के एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान में शराबबंदी नहीं होगी। उन्होंने बिहार के पटना में हुई मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां जहरीली शराब पीने से जो इतनी बड़ी घटना घटी है, उससे अच्छा है लोग सरकारी सिस्टम से खरीदकर शराब पी लें। मीणा ने कहा कि हम शराबबंदी नहीं करेंगे, लेकिन लोगों को जागरूक करेंगे कि लोग शराब न पीएं। इसके बाद भी अगर लोग नहीं मानते तो जहरीली शराब पीने से अच्छा है लोग सरकारी सिस्टम से शराब खरीदकर पीएं।

राजस्थान में शराबबंदी लागू करने को लेकर पिछले लंबे समय से कई संगठन शराबबंदी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसको लेकर पिछली बार चर्चाएं भी हुई थीं कि कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी की घोषणा करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राज्य सरकार के लिए आबकारी विभाग रेवेन्यू के नजरिए से अहम है। सरकार को हर साल शराब बेचने, दुकानों के आवंटन और लाइसेंस से 11 से 12 हजार करोड़ रुपए तक का रेवेन्यू मिलता है। इस साल सरकार ने शराब से 12,500 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का लक्ष्य रखा है।

राजस्थान में शराब की दुकान आवंटन को लेकर इस साल बनी पॉलिसी का शराब कारोबारी विरोध कर रहे हैं। इस सवाल के जवाब में मंत्री मीणा ने कहा कि नीलामी पॉलिसी अच्छी है। इससे बाजार में ब्लैक में शराब बेचने का कारोबार कम हुआ है और सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ा है। मंत्री ने कहा कि जिसे शराब की दुकान चलानी है वही सरकार से बोली लगाकर दुकान लेगा। वरना पहले लॉटरी से दुकान निकलने की प्रक्रिया में ब्लैक का कारोबार ज्यादा होता था। जिन व्यक्ति की भी दुकान निकलती थी, वह 15 से 20 लाख रुपए ब्लैक में बेच देता था।