लॉकडाउन / कोरोना वॉरियर से दुर्व्यवहार, पास मांगा तो कृषि विभाग के अधिकारी ने सिपाही से लगवाए उठक-बैठक

बिहार के अररिया जिले में एक अफसर ने अपनी पोस्ट का रुतबा दिखाते हुए लॉकडाउन में तैनात कोरोना वॉरियर का अपमान किया। दरअसल, यहां एक सिपाही ने अफसर की गाड़ी रोककर लॉकडाउन का पास मांगा और नहीं दिखाने पर 500 रुपए फाइन देने के लिए कहा। सिपाही द्वारा पास मांगने पर अफसर नाराज हो गए और अपनी गाड़ी से उतरकर वहां मौजूद सभी पुलिस अधिकारियों को तलब कर लिया। इस दौरान उन्होंने मौके पर तैनात सिपाही से उठक-बैठक करवाई इतना ही नहीं इसके बाद सिपाही ने अफसर के पैर छूकर माफी भी मांगी।

मामले में एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि सभी पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। सिपाही खुद उठक-बैठक करने लगा। कृषि विभाग के अफसर मनोज ने उठक-बैठक नहीं करवाई है। मैंने खुद मामले की जांच की है। सिपाही का नाम गोनू तात्मा है और उसकी तैनाती अररिया जिले के बैरगाछी में है।

मामला बेहद आपत्तिजनक

इस मामले में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि अररिया में कृषि पदाधिकारी और होमगार्ड के बीच एक वीडियो वायरल हुआ है जिसको लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर पूर्णिया को आदेश दिया गया है कि इस मामले को लेकर कर जांच किया जाएय। जिस तरह से अधिकारियों द्वारा जो काम किया गया है वह काफी आपत्तिजनक है। कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये घटना काफी आपत्तिजनक है। हमारे गृह रक्षा वाहिनी के जवान लॉकडाउन में अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे हैं ऐसे में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जो व्यवहार किया गया है वो काफी आपत्तिजनक है।

डीजीपी ने जताई नाराजगी

मामला सामने आने के बाद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा- यह घटना शर्मनाक है। सरकार को इस घटना की जानकारी दे दी गई है। यह गलत हुआ है। इस तरह के मामले में जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

इस मामले पर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस तरह की हरकत कोरोना योद्धाओं का अपमान है। अफसर पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने भी घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि जवान ने अपने कर्तव्य का पालन किया है। शासन इस मामले में संज्ञान लेगा।