ज्योर्तिमय डे (जेडे) मर्डर केस में मुंबई की स्पेशल मकोका कोर्ट ने गैंगस्टर छोटा राजन को दोषी करार दिया है। करीब सात साल पुराने इस केस में कोर्ट ने पत्रकार जिग्ना वोरा और जोसेफ पॉल्सन को बरी कर दिया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर अडकर ने इस मामले में 11 आरोपियों से 9 को दोषी करार दिया है और दो को बरी कर दिया है।
इस मामले की शुरुआती जांच पहले मुंबई पुलिस ने की थी, फिर इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। मामले की छानबीन के बाद सीबीआई ने मकोका कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। मकोका स्पेशल कोर्ट के जज समीर एस अडकर ने इस केस पर आज फैसला सुनाया।
सजा सुनकर राजन बोला - 'ठीक है'छोटा राजन तिहाड़ जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई देख रहा है। बताया जा रहा है कि फैसला सुनाने के बाद जज ने राजन की प्रतिक्रिया जाननी चाही, जिसपर उसने 'ठीक है' कहा। वहीं, बरी होने की खबर सुनते ही जिग्ना वोरा भावुक हो गए।
साल 2015 में इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तारी के बाद जेडे मर्डर केस पहला ऐसा मामला है, जिसमें छोटा राजन के खिलाफ मुकदमा चला। मुकदमे की सुनवाई के दौरान छोटा राजन को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था। वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये अदालत में उसकी हाजिरी होती थी। स्पेशल कोर्ट में 3 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद जज समीर अडकर ने 2 मई को फैसले की तारीख मुकर्रर की थी।
इससे पहले जे डे की बहन लीना ने अपने भाई की हत्या में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ फांसी की सजा देने की मांग की थी। लीना ने कहा था कि उनके भाई की आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब उनके हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी।
ज्योर्तिमय डे मुंबई में एक अंग्रेजी अखबार के लिए इंवेस्टिगेटिव और क्राइम रिपोर्टिंग करते थे। 11 जून 2011 की दोपहर मुंबई के पवई इलाके में अंडरवर्ल्ड के शूटरों ने उनकी हत्या कर दी थी। जेडे के सीने पर 5 गोलियां मारी गई थी। घटना के वक्त डेडे बाइक से कहीं जा रहे थे। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। मुंबई पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया।