नई दिल्ली। दिल्ली में 8 से 10 सितंबर तक होने वाली जी-20 बैठक के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली में एनएसजी (NSG) के अलावा HIT कमांडो मोर्चा संभालेंगे। इसके लिए खुफिया एजेंसियां भी पूरी तरह अलर्ट पर हैं। बैठक में सुरक्षा के इंतजाम के लिए वायुसेना की भी मदद ली जा रही है। दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थानों पर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को तैनात किया जाएगा। इतना ही नहीं किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राफेल विमान भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रहेंगे।
जी-20 बैठक के लिए जमीन से आसमान तक की सुरक्षा को अभेद बनाया जा रहा है। दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर जहां जवानों की तैनाती की जा रही है वहीं हवाई क्षेत्र के लिए भी पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। एएनआई के मुताबिक एयर डिफेंस मिसाइलों के साथ-साथ काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी राष्ट्रीय राजधानी में तैनात किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं देश के उत्तरी हिस्सों में किसी भी हलचल पर नजर रखने के लिए हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणालियां (AWAC) लगातार आसमान में रहेंगी। अवाक वायुसेना का सबसे एडवांस डिफेंस और रडार सिस्टम है।
70 किमी तक नजर रखेगी ये मिसाइल सिस्टमदिल्ली में किसी भी तरह के हवाई हमले से निपटने के लिए मिसाइल सिस्टम को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। जानकारी के मुताबिक वायुसेना ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) वायु रक्षा प्रणाली को दिल्ली में तैनात किया है। यह 70-80 किलोमीटर की दूरी से लक्ष्य को मार गिरा सकती है। इसके साथ ही आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को भी खतरे वाले स्थानों में तैनात किया गया है।
सुरक्षा सचिव ने की सुरक्षाबलों से मुलाकातभारतीय वायु सेना, दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बल और NSG के ब्लैक कैट कमांडो इस हाई-प्रोफाइल समिट की सुरक्षा के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में चारों तरफ तैनात किए गए हैं। सुरक्षा सचिव ने दिल्ली में होने वाली जी20 समिट के सुरक्षा पहलुओं को अंतिम रूप देने के लिए सभी सुरक्षाबलों से मुलाकात की।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के ब्लैक कैट कमांडो ने जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के मद्देनजर प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिछले कुछ हफ्तों के दौरान सुरक्षा अभ्यास किए। CRPF के पास VIP मेहमानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी। जबकि SSB वीआईपी के जीवनसाथी को सुरक्षा प्रदान करेगी। वहीं, NSG की सभी यूनिट्स को आतंकवाद विरोधी गतिविधियों, तोड़फोड़ विरोधी, ड्रोन विरोधी और सीबीआरएन (रासायनिक, जैविक, विकिरण और परमाणु) जैसी किसी भी इमरजेंसी स्थिति के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, NSG की प्रसिद्ध 'ब्लैक कैट' को कई रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा जो किसी भी हमले की स्थिति में मिनटों में प्रतिक्रिया देंगे। पूरी तरह से सुसज्जित NSG टीमें उन स्थानों पर तैनात रहेंगी जहां दुनिया के राष्ट्र प्रमुख रुकेंगे। इसके अलावा NSG ड्रोन खतरे का भी मुकाबला करेगा, जिसके लिए टीम को दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर तैनात किया जाएगा। इससे निपटने के लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
आमतौर पर 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के मौके पर सुरक्षा को लेकर इस स्तर के इंतजाम किए जाते हैं। कई सालों के बाद दिल्ली में इस स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान वायु रक्षा प्रोटोकॉल उच्च स्तर पर होता है। उसी तरह से इंतजाम जी-20 बैठक के लिए भी किए जा रहे हैं। जी-20 सम्मेलन के लिए जिन हवाई अड्डों को अलर्ट मोड पर रखा गया है उनमें दिल्ली के पास हिंडन हवाई अड्डे और अंबाला, सिरसा, भटिंडा और आदमपुर सहित कई अन्य हवाई अड्डे शामिल हैं।