'ऊं' के उच्चारण के साथ गंगा में लीन हुईं अटलजी की अस्थियां

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 'Atal Bihari Vajpayee' की अस्थि विसर्जन यात्रा हरिद्वार 'Haridwar' में शुरू हो गई है। भल्ला कॉलेज ग्राउंड से शुरू हुई यह यात्रा हर की पैड़ी पर खत्म होगी, यहां दिवंगत नेता की अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 'Amit Shah', केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 'Rajnath Singh', यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 'Yogi Adityanath', उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं। इस कलश यात्रा में बीजेपी के करीब 15 हजार कार्यकर्ता भी शिरकत हैं।

रविवार की सुबह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहरी वाजपेयी की अस्थियों को दिल्ली के स्मृति स्थल से तीन कलश में भरा गया। इसके बाद परिजन अस्थि कलश को लेकर हरिद्वार के लिए निकले। अस्थि कलश लेकर आए विशेष विमान में 7 लोग सवार थे। अटल जी के दामाद रंजन भट्टाचार्य के हाथों में अस्थि कलश था। उनके साथ उनकी पत्नी नमिता भट्टाचार्य, बेटी निहारिका समेत परिवार की दो अन्य महिलाएं भी थीं। जॉलीग्रांट से दो अलग-अलग हेलीकॉप्टर से परिजन और भाजपा नेता हरिद्वार के लिए रवाना हुए।

हर की पैड़ी पर मंच भी तैयार किया गया है। माना जा रहा है कि अस्थि विसर्जन के बाद में अमित शाह, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के कार्यकर्ताओं और लोगों को संबोधित कर सकते हैं। दिल्ली स्थित स्मृति स्थल से अस्थियां ले ली गई हैं जिन्हें तीन अलग-अलग कलश में रखा गया है। वाजपेयी की अस्थियां देशभर में करीब 100 नदियों में विसर्जित की जाएंगी।

अटल की याद में सोमवार को दिल्ली के डी जाधव स्टेडियम में सर्वदलीय प्रार्थना सभा होगी। साथ ही, सभी राज्यों की राजधानियों में प्रार्थना सभाएं आयोजित होंगी। इससे पहले अस्थि कलश शांतिकुंज में संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा के समाधि स्थल के पास रखा जाएगा। बता दें कि लंबी बीमारी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का निधन 16 अगस्त को हो गया था।

मध्य प्रदेश ने अब 3 पुरस्कार अटल जी के नाम पर दिए जाने का फैसला किया है। उधर, यूपी सरकार भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में स्मारक बनाने की तैयारी में है। राज्य में चार स्मारक, आगरा के बटेश्वर, कानपुर, बलरामपुर और लखनऊ में बनाए जाएंगे। बलरामपुर संसदीय क्षेत्र से वह पहली बार सांसद चुने गए और लखनऊ उनकी कर्मभूमि रही।