एक विवाद और अजीत जोगी ने छोड़ दिया था कांग्रेस का साथ

एक विवाद की वजह से 2016 में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अजीत जोगी को कांग्रेस से अलग हो जाना पड़ा। अजीत जोगी ने बगावती तेवर पहले से तय किसी प्लान के तहत नहीं, बल्कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की झिड़की से आहत होने के बाद अपनाए। राहुल ने उन्हें उस समय झिड़की लगाई, जब वह राज्यसभा का टिकट मांगने 25 मई 2016 को उनके पास दिल्ली पहुंचे थे। राहुल ने उन्हें तवज्जो नहीं देते हुए बेरुखी दिखाई। जोगी ने 27 मई को राहुल से फोन पर बात की थी। उसमें भी राहुल ने उन्हें दो टूक कह दिया था कि राज्यसभा का टिकट नहीं मिलेगा। राहुल के करीबी नेताओं की मानें तो जोगी ने नाटकीय अंदाज में पार्टी उपाध्यक्ष पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।

यूं हुई राहुल-जोगी में फोन पर बातचीत

राहुल : नहीं मिलेगा राज्यसभा का टिकट।

जोगी : ऐसे में पार्टी में काम कर पाना मुश्किल होगा..।

राहुल : आप तय कर लो..

दिग्विजय बोले- जो प्रत्याशी का सौदा करोड़ों रुपए में कर दे, उसका जाना ही अच्छा

मैंने कच्ची गोली नहीं खेली

मैंने भी कच्ची गोली नहीं खेली है, मेरी गोली पक गई है। 20 साल प्रशासनिक सेवा में रहा, उसके बाद 30-35 साल से राजनीति में हूं। मैं बहुमत ला सकता हूं। -अजीत जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री (कांग्रेस छोड़ते समय दिया गया बयान)

कांग्रेस को फायदा होगा

जोगी के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को ही फायदा होगा। अगर वह नई पार्टी बनाते हैं तो वह रमन की बी टीम होगी। अंतागढ़ टेपकांड के बाद वह और उनके पुत्र अमित जोगी बेनकाब हो गए। उन्होंने पार्टी के प्रत्याशी को ही रमन के हाथों बेच दिया था। (जोगी के कांग्रेस छोड़ने पर तत्‍कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का बयान)