उत्तर प्रदेश : पडोसी को देनी पड़ी पिता-पुत्र की चिता को आग, जानें पूरा माजरा

जब भी कभी किसी की मौत होती हैं तो उसके घर वाले या परिजन उसकी चिता को आग देते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रामगढ़ताल इलाके में अनोखा मामला सामने आया हैं जहां एक पडोसी ने पिता-पुत्र की चिता को आग दिया। दरअसल, पिता-पुत्र भरवलिया टोला रानीबाग के रहने वाले थे और दोनों के बीच शराब पीने की बात पर विवाद हो गया था जिसके बाद उन्होनें जहरीला पदार्थ खा लिया और दोनों की मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद दोनों के शव को मुक्तिधाम राजघाट ले जाया गया जहां दोनों के शव को एक ही चिता पर रखा गया और पड़ोसी फूलचंद निषाद ने उन्हें मुखाग्नि दी।

जानकारी के मुताबिक, भरवलिया टोला रानीबाग निवासी राम हरख निषाद मजदूरी कर जीवन यापन करता था। मंगलवार दोपहर को बेटे ने शराब पीने से मना किया तो उसने घर पर ही जहरीला पदार्थ खा लिया। यह देख उसके 14 वर्षीय इकलौते बेटे रवि को लगा कि उसके पिता की मौत हो गई है। जिससे उसे पछतावा होने लगा और उसने भी जहरीला पदार्थ खा लिया।

दोनों को इलाज के लिए पड़ोसी अस्पताल ले गए, जहां दोनों की ही मौत हो गई। शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव मिला। परिवार में किसी अन्य पुरूष के न होने के कारण पड़ोसी फूलचंद ने बाप-बेटे को मुखाग्नि दी।

इस संबंध में आजाद नगर चौकी प्रभारी आशीष सिंह ने बताया कि परिवार बेहद गरीब है। राम हरख की पत्नी सुनीता और उसकी बेटी रूबी दोनों लोगों के घरों में चौका बर्तन करती हैं। दोनों की मौत के संबंध में किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं है। दोनों को मुखाग्नि पड़ोसी द्वारा दी गई है।