ट्रेक्टर परेड को मंजूरी मिली, दिल्ली में 5 रास्तों से दाखिल होंगे किसान!

किसान संगठनों ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को ट्रेक्टर परेड को मंजूरी दे दी है। किसानों ने इसे किसान गणतंत्र परेड का नाम दिया है। उनका कहना है कि प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों पर सवार होकर 5 अलग-अलग रास्तों से दिल्ली में दाखिल होंगे और इस दौरान करीब 100 किलोमीटर का रास्ता तय करेंगे। किसान संगठनों के दावों पर पुलिस ने कहा कि बातचीत अभी आखिरी दौर में है। किसानों ने ट्रैक्टर परेड का रूट लिखित में नहीं दिया है, जब वो हमें रूट बताएंगे, तब हम फैसला लेंगे।

दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से खरखौदा टोल प्लाजा का रूट परेड के लिए ऑफर किया था। यह रूट 63 किलोमीटर का है। किसान संगठनों ने तभी कहा था कि वो 100 किमी तक ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 2 महीने हो गए हैं। सरकार से 12 दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकलने के बाद किसान अब पूरी तरह 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की तैयारियों में जुटे हैं। किसान नेता कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि अब ट्रैक्टर परेड के बाद आगे की स्ट्रैटजी तय करेंगे। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा दिल्ली की सीमाओं पर लगाए गए अवरोधकों को 26 जनवरी को हटा दिया जाएगा और किसान राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करके ट्रैक्टर रैलियां निकालेंगे। एक और किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पत्रकारों को बताया कि चूंकि हजारों किसान इस परेड में हिस्सा लेंगे, लिहाजा इसका कोई एक मार्ग नहीं रहेगा। इस बीच, यूनियनों ने 26 जनवरी की परेड के मद्देजनर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। एक किसान नेता ने कहा कि टैक्टरों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिये 2,500 स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। भीड़ के अनुसार उनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है।

पंजाब के किसान यूनियनों की बैठक की अध्यक्षता करने वाले कीर्ति किसान यूनियन के अध्यक्ष निर्भयी सिंह धुडिके ने कहा कि राज्य से एक लाख से अधिक ट्रैक्टर आने की उम्मीद है।

किसान नेताओं ने कहा कि पांच मार्गों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है और हर मार्ग पर किसान ट्रैक्टरों से 100 किलोमीटर तक का सफर तय करेंगे। उन्होंने कहा कि 70 से 78 प्रतिशत मार्ग दिल्ली में होंगे जबकि शेष मार्ग राष्ट्रीय राजधानी से बाहर होंगे।