आगरा : गोली मारकर हुई खेत पर सो रहे किसान की हत्या, चारपाई के नीचे फैला हुआ था खून

आगरा जनपद के थाना बरहन क्षेत्र में शनिवार रात ऐसी घटना हुई जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। दरअसल यहां खेत पर सो रहे किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रविवार सुबह छोटा पुत्र अनिल घर से चाय लेकर आया। अनिल ने देखा तो वह दंग रह गया, महेन्द्र सिंह चारपाई पर मृत अवस्था में पड़े थे। मृतक की बाई कनपटी पर गोली का निशान और चारपाई के नीचे काफी खून पड़ा था। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। डॉग स्क्वैड की टीम भी मौके पर पहुंची और खोजबीन की। फिलहाल पुलिस को कोई सुराग नहीं लगा है।

सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी एत्मादपुर अर्चना शर्मा, थानाध्यक्ष बरहन कुलदीप दीक्षित पुलिस बल के साथ पहुंचे, आगरा से डॉग स्क्वैड भी पहुंचा। बताया गया है कि मृतक के खेत पर मकान का निर्माण कार्य चल रहा है। मृतक के दो पुत्र व पांच पुत्रियां हैं, सभी की शादी हो चुकी है। बड़े पुत्र अजीत सिंह ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटनास्थल पर बारीकी से जांच कर हत्यारों को पकड़ने के लिए विभिन्न दिशाओं में जांच के लिए सबूत एकत्रित किये है। घटना का शीघ्र खुलासा करा दिया जाएगा। अर्चना शर्मा, क्षेत्राधिकारी एत्मादपुर।

ननिहाल में रहता था मृतक

मृतक दो भाई हैं, छोटा भाई विनोद है, जो मूल रूप से गांव शेरपुर थाना सादाबाद, हाथरस के निवासी है। गढ़ी सहजा में उनकी ननिहाल है। लगान विरोधी आंदोलन का समर्थन करने वाले गढ़ी सहजा निवासी स्वतंत्रता सेनानी ज्ञान सिंह मृतक के नाना थे। ज्ञान सिंह के पुत्र न होने पर धेवते मृतक महेन्द्र सिंह व उसके छोटे भाई विनोद सिंह को नाना ज्ञान सिंह ने गढ़ी सहजा में जमीन-जायदाद में बराबर संपत्ति दी थी। मृतक और उसके भाई विनोद की शेरपुर और सादाबाद में भी जमीन है।

दो माह पहले सादाबाद में बेची थी सवा करोड़ की जमीन

छोटे पुत्र अनिल ने बताया कि दो माह पहले सादाबाद में सवा करोड़ की जमीन बेची थी। जमीन के सौदे के 15 लाख रुपये की तो उसे जानकारी है, शेष रकम की जानकारी नहीं है। अनिल ने बताया कि परिवार का मुखिया होने के साथ बाहरी लेन-देन की परिजनों को पूरी जानकारी नहीं देते थे।

आठ वर्ष पूर्व भी हुआ था हमला

महेंद्र सिंह को आठ वर्ष पूर्व सादाबाद से गढ़ी सहजा आते समय थाना खंदौली क्षेत्र के गांव पीलीपोखर के पास अज्ञात लोग गोली मारकर भाग गये थे। महेंद्र सिंह को गोली लगी नहीं थी, इसलिये उन्होंने पुलिस में मुकदमा भी दर्ज नहीं कराया।