भारत छोड़ो आन्दोलन : पहले दिन ही गिरफ्तार कर लिए गए थे महात्मा गांधी, जाने कुछ और खास बातें

भारत ने बहुत साल अंग्रेजों की गुलामी सही और कई लोगों के अथाह प्रयास की वजह से 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिली। इस आजादी को पाने के लिए देश में कई आन्दोलन हुए हैं जिसमें से एक हैं 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आन्दोलन। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ गांधीजी का यह तीसरा आन्दोलन था। 8 अगस्त 1942 की शाम को कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में इस आन्दोलन का आगाज हुआ था। इस साल इस आन्दोलन को पूरे 76 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसलिए आज हम आपको अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन से जुडी कुछ ख़ास बातें बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

* 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी जी सहित इस राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े सभी बड़े नेता पहले दिन ही गिरफ्तार कर लिए गए।

* वहीँ साल खत्म होते-होते इस आंदोलन से जुड़े 60,000 लोग गिरफ्तार किए जा चुके थे।

* बलिया में आंदोलनकारियों पर मशीनगन से गोलियां बरसाई गई थीं।

* अंग्रेजी हुकूमत के दस्तावेजों के मुताबिक अगस्त 1942 से दिसंबर 1942 तक पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों पर 538 बार गोलियां चलाईं।

* ब्रिटिश सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक इन घटनाओं में 940 लोग मारे गए और 1630 घायल हुए।

* ब्रिटिश हुकूमत से उलट कांग्रेस के अनुसार आंदोलन में 10,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

* इस आंदोलन के दौरान देशभर के 250 रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ हुई।

* 50 डाकखाने जला दिए गए और 200 तोड़ डाले गए।

* 3500 जगह तार और फोन लाइनें काट दी गईं।

* आंदोलन की चपेट में ब्रिटिश सेना के जवान और पुलिसवाले भी आए। सेना के 11 जवान मारे गए और 7 घायल हुए। वहीं, 31 पुलिस वाले भी मारे गए।