अब तक 22 हजार करोड़ रुपए कमा चुका PUBG, जाने भारत से कैसे और कितनी होती है कमाई

मोदी सरकार ने टिकटॉक (TikTok) के बाद अब गेमिंग ऐप PUBG समेत 117 अन्य चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चले रहे तनाव के बीच सरकार ने इन ऐप्स को राष्ट्र की संप्रभुता, अखंडता और रक्षा के लिए खतरा बताते हुए इन पर बैन लगाया है। भारत में पबजी को 17.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले इन ऐप्स पर हुई ये तीसरी कार्रवाई है। अब तक 224 ऐप बैन किए जा चुके हैं। इधर पबजी बैन की घोषणा हुई और उधर यह मैसेज वायरल हो गया कि पबजी में चीनी कंपनी टेनसेंट की हिस्सेदारी सिर्फ 10% है। पबजी वह 10% हिस्सेदारी बेच देगा और एक हफ्ते में लौट आएगा। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है जानना की पबजी भारत से कैसे और कितना कमाता है।

ऐसी होती है कमाई

पबजी की कमाई को समझना है तो उसे दो हिस्सों में बांटना होगा। पबजी मोबाइल से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा टेनसेंट (चीन) को जाता है, लेकिन यदि आप कंप्यूटर पर खेल रहे हैं तो कोरियाई कंपनी को वह मिलता है। पबजी मोबाइल की कमाई का जरिया इन-गेम आइटम्स जैसे स्किन, आउटफिट आदि हैं। उन्हें प्लेयर इन-गेम करेंसी (यूसी) का इस्तेमाल कर खरीद सकते हैं। इन-गेम पर्चेज से ही पबजी को कमाई होती है। पबजी कॉर्प 800 से 3000 रुपए के सीजन पास बेचती है। इससे खिलाड़ियों को अपने रैंक बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही वे अपने पर्सनलाइज्ड कैरेक्टर की रैंक अपग्रेड करते हैं। अलग-अलग रिपोर्ट्स देखें तो भारत से अकेले 7 मिलियन डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपए हर महीने कमाता है पबजी मोबाइल। हालांकि, पबजी मोबाइल ने पूरी दुनिया से 2019 में 9,541 करोड़ रुपए कमाए।

अब तक कमा चुकी 22 हजार करोड़ रुपए

पबजी मोबाइल मार्च 2018 में लॉन्च हुआ और तब से अब तक यह 3 बिलियन डॉलर (22 हजार करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट कर चुका है। सेंसर टावर के अनुमान के मुताबिक पबजी मोबाइल का रेवेन्यू दूसरे पापुलर टाइटल गारेना फ्री फायर से चार गुना ज्यादा है। पबजी मोबाइल की कमाई का 72% हिस्सा ऐपल के ऐप स्टोर से आया जबकि गूगल प्ले स्टोर से सिर्फ 28% हिस्सा उसे मिला। यदि हम डाउनलोड्स की बात करें प्ले स्टोर ने जरूर इसमें बाजी मारी है। इसमें बड़ी हिस्सेदारी भारत में एंड्रॉइड फोन पर पबजी डाउनलोड्स की है।

ईस्पोर्ट्स से ऐसे कमाता है पबजी

ईस्पोर्ट्स से पबजी की डायरेक्ट कमाई नहीं है। लेकिन, पबजी खुद ईस्पोर्ट्स कम्पीटिशन में मदद करता है। टेनसेंट ने भारत में ही 50 से 75 करोड़ रुपए ईस्पोर्ट्स ऑर्गेनाइज करने के लिए खर्च किए। यह राशि भी लॉकडाउन के दौरान 100 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। चैम्पियनशिप्स में खिलाड़ी अपनी टीम बनाते हैं और आपस में कम्पीट करते हैं। मार्केटिंग और सर्वर की लागत तो बहुत कम है। टेनसेंट को पिछले साल नवंबर तक भारत से लाभ नहीं हुआ था। रेवेन्यू के मामले में भारत पबजी के 11वें नंबर का देश है। सेलिब्रिटी प्लेयर्स एक्शन को लाइवस्ट्रीम करते हैं। फैन्स उन्हें यूट्यूब के सुपर चैट फीचर के जरिये पेमेंट करते हैं। इसके तहत उनके चैट मैसेज हाइलाइट होते हैं। पबजी पब्लिशर टेनसेंट के साथ टाई-अप के साथ यूट्यूब अब अमेजन के ट्विच का मुकाबला कर रहा है।
कैजुअल गेमर्स आम तौर पर ग्रुप्स, वॉट्सऐप, टेलीग्राम, डिस्कॉर्ड जैसे ऐप्स पर आपस में जुड़ते हैं और शर्त लगाकर कम्पीट करते हैं। इस वजह से इसके रेवेन्यू का अंदाज लगाना मुश्किल है।