आज हुआ इस नियम में बड़ा बदलाव, नौकरी करने वालों की सैलरी पर पड़ेगा असर

कोरोना के चलते बिगड़ी अर्थव्यवस्था के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पीएम गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की गई थी जिसमें नौकरी करने वाले लोगों से जुड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था।इसके अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में 31 जुलाई तक अंशदान में कटौती कर 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने का फैसला लिया गया था। अब यह अवधि समाप्त हो चुकी हैं जिसके चलते 1 अगस्त से पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत आने वाले कर्मचारी और नियोक्ता के लिए योगदान फिर से 12-12 फीसदी (कुल 24 फीसदी) हो गया है।

सरकार की ईपीएफ योजना के नियमों के अनुसार, कर्मचारी हर महीने अपने वेतन में बेसिक वेतन प्लस डीए का 12 फीसदी अपने ईपीएफ खाते में योगदान देता है। इतना ही नहीं, नियोक्ता को भी समान रूप से यानी 12 फीसदी का योगदान करना होता है। इस तरह कुल मिलाकर कर्मचारी के ईपीएफ खाते में 24 फीसदी जमा हो जाता है। 24 फीसदी योगदान में से कर्मचारी का हिस्सा (12 फीसदी) और नियोक्ता का 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ खाते में जाता है। बाकी का 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन योजना खाते में जाता है।