नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए मुख्य सचिव और राज्य पुलिस प्रमुख से पूर्व में किए गए आधिकारिक तबादलों और आगामी विधानसभा चुनावों के संबंध में उसके आदेशों का पूरी तरह से क्रियान्वयन नहीं करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा।
चुनाव आयोग ने कड़े शब्दों में लिखे सर्कुलर में खुलासा किया कि 31 जुलाई को अपने गृह राज्यों या अपने मौजूदा पदों पर तीन साल से ज़्यादा सेवा दे चुके पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित करने के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने परियोजना पूरी नहीं की है। अनुपालन रिपोर्ट 31 अगस्त तक जमा की जानी थी, लेकिन नए पुलिस प्रमुख ने इसे आंशिक रूप से ही जमा किया जबकि मुख्य सचिव ने अभी तक पूरा जवाब जारी नहीं किया है।
सूत्रों से पता चला है कि मुंबई में 100 से ज़्यादा इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ पूरे महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे राजस्व अधिकारियों का तबादला जानकारी के अनुसार नहीं किया गया। चुनाव प्रणाली निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इन बदलावों को ज़रूरी मानती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव कुमार ने राज्य सरकार की निष्क्रियता पर गहरी निराशा व्यक्त की और जोर देकर कहा कि देरी से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया बाधित हो सकती है। चुनाव आयोग ने चेतावनी दी कि आगे भी निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है और उससे पहले चुनाव होने की उम्मीद है। चुनाव आयोग फिलहाल चुनाव की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए राज्य में है।