रामविलास पासवान की लोजपा पार्टी के हुए दो टुकड़े, चाचा-भतीजे को मिले नए चुनाव चिन्ह

बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास पासवान के लिए जानी जाती हैं। लेकिन रामविलास के निधन के बाद से ही चाचा-भतीजे के रिश्तों में खटास देखने को मिली और पार्टी दो भागों में बाँट गई। अब पार्टी के दोनों गुटों को अलग-अलग पार्टी के तौर पर चुनाव आयोग ने मंजूरी दे दी हैं और उन्हें नए पार्टी चिन्ह भी दे दिए हैं। चुनाव आयोग ने 4 अक्तूबर को दोपहर 1 बजे तक अपने-अपने गुट के लिए नया नाम और सिंबल का तीन विकल्प देने का आदेश दिया था। जिसपर दोनों गुटों ने आयोग के आदेश का पालन करते हुए जवाब भेज दिया था। आयोग ने मंगलवार को दोनों नेताओं को पार्टी का नया नाम और चुनाव चिह्न जारी कर दिया है।

पिछले सप्ताह चुनाव आयोग ने लोजपा का चुनाव चिह्न जब्त कर लिया था। चाचा-भतीजा ने चुनाव आयोग से पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न जारी करने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं को पार्टी का नाम और चिह्न अलॉट कर दिया है। आयोग ने चिराग पासवान के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नया नाम लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) दिया है और चुनाव चिह्न हेलीकॉप्टर आवंटित किया है। वहीं, उनके चाचा पशुपति पारस को राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी और सिलाई मशीन चुनाव चिह्न प्रदान किया गया है।

पार्टी के सिंबल को लेकर चाचा-भतीजा के बीच लगातार तनातनी का माहौल बना हुआ था। दोनों नेताओं की ओर से पार्टी के चिह्न हो लेकर दावा किया जा रहा था। लगातार इसको लेकर सियासत हो रही थी। चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर इस मामले में पशुपति पारस गुट पर आरोप लगाया था कि पशुपति पारस का गुट जानबूझकर नामों और सिंबल का तीन विकल्प देने में देरी कर रहा है ताकि आयोग फैसला नहीं कर सके। चिराग ने आरोप लगाया था कि आयोग की ओर से फैसले में हो रही देरी से उनकी चुनावी तैयारियों पर भी असर पड़ रहा है।