9वीं व 11वीं के लिए महंगा हुआ परीक्षा देना, 10 की जगह देना होगा 25 रुपए शुल्क

शिक्षा विभाग निदेशालय ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिला समान परीक्षा संचालन समिति द्वारा प्रति विद्यार्थी लिया जाने वाला शुल्क 25 रुपए रहेगा जो कि पहले 10 रूपये होता था। निदेशालय द्वारा तय की गई यह फीस माैजूदा फीस का करीब ढाई गुना है। स्कूलाें काे अब तक 10 रुपए परीक्षा के देने हाेते थे। इसमें अर्द्धवार्षिक परीक्षा का शुल्क भी शामिल हाेता था। वर्तमान हालाताें में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का आयाेजन ताे हुआ ही नहीं है, लेकिन स्कूलाें काे इसकी कीमत भी बढ़ाकर चुकानी पड़ेगी। यह पैसा निजी व सरकारी सभी स्कूलाें द्वारा जमा कराया जाएगा। जिले में 9वीं व 11वीं कक्षा में निजी व सरकारी स्कूलाें के करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हाेंगे।

ऐसे में यदि यह परीक्षा जिला स्तर पर हाेती ताे स्कूलाें से 15 लाख रुपए लिए जाते, लेकिन अब स्कूलाें काे 25 लाख रुपए जमा कराने हाेंगे। शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि शिक्षा विभाग काे साेचना चाहिए कि स्कूल पहले ही आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। उस पर इस तरह के आदेश गलत हैं। इससे बेहतर ताे परीक्षाएं जिला स्तर पर ही हाेती, ताे ठीक रहता। यहां ताे फीस की नाैबत आई हुई है उसके बाद परीक्षाओं के लिए यह बढ़ा हुआ पैसा लेना औचित्यहीन है। निदेशालय ने कहा कि जिला समान परीक्षा में कक्षा 9 व 11 के प्रश्नपत्र मुद्रण व वितरण के लिए कार्यालय पंजीयक काे नाेडल बनाया गया है। कक्षा 9 के लिए प्रश्नपत्र बुकलेट मय उत्तरपुस्तिका उपलब्ध कराई जाएगी और कक्षा 11 में केवल प्रश्नपत्र ही उपलब्ध कराए जाएंगे।