जैसलमेर : किसान दिवस पर अपनी मांग के लिए सर्द रात में महापड़ाव को मजबूर किसान, जानें मामला

आज 23 दिसंबर को भारत के पांचवें प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में पूरे देश में किसान दिवस के तौर पर मनाया जा रहा हैं। यह दिन भारतीय किसानों के योगदान के सम्मान में मनाया जाता हैं लेकिन आज भी किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसका एक नजारा देखने को मिला जैसलमेर जिले के नहरी इलाके में जहां के किसान सिंचाई पानी की मांग को लेकर मंगलवार से महापड़ाव कर रहे हैं। नहरी इलाके में इन दिनों सर्दी का कहर है, लेकिन किसान महापड़ाव स्थल पर ही जमे हैं। वे रात भी इंदिरा गांधी नहर के जीरो हैड पर बैठे हैं।

किसान खुद को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए रात भर अलाव जलाते रहे। जीरो हैड पर बिस्तर लगाकर सैकड़ों किसान रात-दिन महापड़ाव स्थल पर ही जमे हैं। किसानों का साफ तौर पर कहना है कि जब तक सिंचाई का पूरा पानी नहीं मिलेगा तब तक ये महापड़ाव चलता रहेगा। इस बार वे किसी भी झूठे आश्वासन में नहीं आने वाले हैं।

किसान नेता साभान खान ने बताया कि लगभग 5 सालों से हमारे साथ सिंचाई पानी की परेशानी चल रही है। कभी भी हमें सिंचाई का पूरा पानी नसीब नहीं हुआ। हमने सिंचाई पानी को लेकर कई आंदोलन किए, लेकिन यही समस्या हर साल सामने आती है। इस बार भी हमने कई आंदोलन किए और नहरी विभाग के अधिकारियों ने हमें झूठे आश्वासन देकर हर बार आंदोलन समाप्त करवाए। मगर इस बार हमने महापड़ाव शुरू किया है और नहरी विभाग के अधिकारियों को साफ साफ कह दिया है कि जब तक हमें हमारे हक का पूरा सिंचाई का पानी नहीं मिल जाता तब तक महापड़ाव जारी रहेगा। उनका कहना है कि अब किसानों की रबी की फसल खेतों में खड़ी है और बिना पानी के जलने के कगार पर है।