विश्व नेताओं ने इन शब्दों में किया डॉ. मनमोहन सिंह को याद...

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और पूरे देश में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। कांग्रेस पार्टी ने उनके निधन पर आज के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए और अगले 7 दिनों तक कोई भी आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की घोषणा की है। पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस के स्थापना दिवस सहित सभी आंदोलन और आउटरीच कार्यक्रम 3 जनवरी, 2025 तक स्थगित कर दिए गए हैं। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनिया भर से शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। पड़ोसी देशों जैसे मालदीव और अफगानिस्तान के नेताओं ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की है और डॉ. सिंह के योगदान तथा भारत के साथ उनके मजबूत संबंधों की सराहना की है।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए साथ ना छोड़ने वाले सहयोगी और दोस्त थे। मैं उनके गुजरने पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, भारत के लोगों और सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने लिखा, 'मनमोहन सिंह के गुजर जाने की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे हमेशा उनके साथ काम करना अच्छा लगता था और वे एक दयालु पिता के जैसे थे। वे मालदीव के अच्छे दोस्त थे।' उन्होंने कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने, आधुनिक बनाने और दोनों लोकतंत्रों को रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी एकरूपता के रास्ते आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी सहयोग पर परिवर्तनकारी समझौते को हासिल करने में अपने नेतृत्व के जरिए डॉ। मनमोहन सिंह को आधुनिक द्विपक्षीय संबंधों के निर्माता के रूप में सही मायने में माना जाता था।'

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि पूर्व पीएम के निधन को भारत और रूस के लिए अत्यंत दुःख और शोक का क्षण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'हमारे द्विपक्षीय संबंधों में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अतुलनीय है। उनका सौम्य व्यवहार हमेशा आकर्षक रहा है, साथ ही एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी विशेषज्ञता और भारत की तरक्की के प्रति उनके लगाव पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।'

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए कहा, 'मुझे अपने पूर्व सहयोगी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ है। वे शानदार दिमाग, ईमानदारी और ज्ञान के धनी व्यक्ति थे। लॉरेन और मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।'

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला शाहिद ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे 2011 में मालदीव की उनकी यात्रा याद है, जहां मैंने, तत्कालीन संसद के अध्यक्ष के रूप में, उन्हें मजलिस की बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था। मुझे 2007 में विदेश मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान हमारी बातचीत भी याद है। मुझे उनके दिमाग और ज्ञान से बहुत फायदा हुआ। वे हमेशा मालदीव के दोस्त रहे। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार और प्रियजनों को उनकी विरासत से सांत्वना मिले। इस नुकसान पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।'

अमेरिकी राजनयिक और US-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) के अध्यक्ष अतुल केशप ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। श्रद्धांजलि देते हुए केशप ने डॉ। सिंह को भारत और अमेरिका के बीच आधुनिक द्विपक्षीय संबंधों का निर्माता बताया।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, 'अमेरिका, भारत के लोगों के प्रति पूर्व प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता है। वे अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उनके काम ने पिछले दो दशकों में हमारे देशों द्वारा मिलकर हासिल की गई अधिकांश उपलब्धियों की नींव रखी। अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़े निवेश का संकेत दिया।'