दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बाद अब कर्नाटक में भी दिवाली पर बैन रहेगा पटाखों का इस्तेमाल

दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बाद अब कर्नाटक सरकार ने भी दिवाली (Diwali) के मौके पर पटाखों (Fire Crackers) के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण के चलते पटाखों के इस्तेमाल पर बैन लगाने का फैसला लिया गया है।

येदियुरप्पा ने कहा, 'हमने पटाखों को बैन करने के बारे में विचार विमर्श किया है। ये फैसला लिया गया है कि दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर बैन रहेगा। राज्य सरकार इस बारे में जल्द ही आदेश जारी करेगी।'

बता दें कि कोरोना वायरस और प्रदूषित हवा के चलते कई राज्यों ने पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने गुरुवार को कहा कि पटाखों और आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं लोगों के लिए नुकसानदेह है और कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने पटाखों के इस्तेमाल को नियंत्रित करने की बात कही है और अंतिम फैसला राज्य के मुख्यमंत्री के साथ विचार विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।

पटाखे पर बैन को लेकर पर्यावरण मंत्रालय ने खड़े किए हाथ

आपको बता दे, पटाखों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) 9 अक्टूबर को सुबह साढ़े 10 बजे फैसला सुनाएगा। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर राज्य सरकार ने ग्रीन पटाखे चलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 30 नवंबर तक लागू रहेगा। लेकिन उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों ने फिलहाल पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। दूसरी ओर पर्यावरण मंत्रालय ने कहा है कि फिलहाल उनके पास कोई ऐसी स्टडी नहीं है जिससे साफ हो सके कि पटाखों के इस्तेमाल के बाद कोरोना केस और बढ़ेंगे। हरियाणा सरकार ने एनजीटी में दाखिल किए गए अपने जवाब में कहा है कि वह अपने राज्य में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। हरियाणा सरकार ने कहा है कि दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर अगर एनजीटी को ऐसा लगता है कि दिल्ली एनसीआर में आने वाले शहरों मसलन फरीदाबाद और गुरुग्राम में पटाखे चलाने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ सकता है तो वहां प्रतिबंध लगाया जा सकता है, लेकिन राज्य सरकार को लगता है कि पूरे हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पूरे मामले पर एनजीटी से कहा है कि प्रदूषण और पटाखों के इस्तेमाल से जुडे मामले पहले ही सुप्रीम कोर्ट सुन रहा है। इसी महीने नवंबर में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला करने में सक्षम है।

इन सबके बीच में पर्यावरण मंत्रालय का रुख बेहद दिलचस्प है। पर्यावरण मंत्रालय ने पटाखों पर बैन लगाने को लेकर एनजीटी की तरफ से मांगी गई राय पर कहा है कि फिलहाल इस मामले में उनके पास कोई भी ऐसी स्टडी नहीं है जिससे यह साफ हो सके कि पटाखों के इस्तेमाल के बाद कोरोना के मामले और बढ़ेंगे।