नीट विवाद पर धर्मेंद्र प्रधान: 'सरकार चर्चा के लिए तैयार, विपक्ष को संसद में मर्यादा बनाए रखनी चाहिए'

नई दिल्ली। मेडिकल स्नातकों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर हाल ही में हुए विवादों और उसके बाद ईमानदारी की कमी के मुद्दों के कारण UGC-NET को रद्द किए जाने के मद्देनजर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चर्चाओं में परंपरा और शिष्टाचार बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया है। प्रधान ने दोहराया कि सरकार हर तरह की चिंता को दूर करने के लिए तैयार है, बशर्ते बातचीत संसद में स्थापित मानदंडों और सम्मान की सीमाओं के भीतर की जाए।

पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए प्रधान ने कहा कि संसद में अपने भाषण में परीक्षा संबंधी मुद्दों पर राष्ट्रपति की टिप्पणी ने इन मुद्दों का सामना करने और उन्हें हल करने की सरकार की इच्छा को रेखांकित किया। प्रधान ने कहा, जब राष्ट्रपति ने खुद परीक्षा संबंधी मुद्दों को संबोधित किया, तो यह स्पष्ट रूप से किसी भी समस्या से निपटने के लिए सरकार की मंशा को दर्शाता है। उन्होंने इन प्रमुख परीक्षाओं को प्रभावित करने वाले विवादों पर रचनात्मक बातचीत में शामिल होने की तत्परता का संकेत दिया।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, सरकार की जिम्मेदारी देश के युवाओं के प्रति है, देश के छात्रों के प्रति है...सरकार अपना पक्ष रखने के लिए तैयार है, फिर भ्रम किस बात का है?...हम सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं और सीबीआई सबको पकड़ने जा रही है, हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। सुधार के लिए एक विश्वसनीय उच्च स्तरीय समिति भी बनाई गई है, जल्द ही उन सभी परीक्षाओं की तिथि भी घोषित की जाएगी। मैं विपक्ष से भी अनुरोध करता हूं कि वे राजनीति से बाहर आएं और चर्चा में शामिल हों। हम किसी को नहीं छोड़ने जा रहे हैं। जो लोग एनटीए के प्रभारी थे, उन्हें हटा दिया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। यह सब सरकार की प्रतिबद्धता का सबूत है...मैं विपक्ष से अपील करना चाहता हूं कि वे छात्रों को भ्रमित न करें...

हालांकि विपक्ष नीट परीक्षा में कथित अनियमितताओं पर चर्चा कराने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ''नियम 267 के तहत हम सदन में इस पर विशेष चर्चा की मांग कर रहे हैं और उसके बाद हम अपनी मांगें रखेंगे।'' गौरतलब है कि नीट-यूजी और यूजीसी-नेट परीक्षाओं के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 23 जून को एनटीए द्वारा परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया था और मामले की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया था। एजेंसी की एफआईआर के अनुसार, 5 मई, 2024 को आयोजित नीट (यूजी) 2024 परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ राज्यों में कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं।

एनईईटी-यूजी का आयोजन एनटीए द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को शीर्ष अदालत को बताया था कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं। यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले पूरा हो जाने के कारण 4 जून को घोषित किए गए।