राजस्थान : स्वास्थ्य मंत्री की चेतावनी के बावजूद नहीं हुआ सुधार, कोरोना जांच में हुआ सिर्फ 3 हजार का इजाफा

कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा हैं और भारत में ओमिक्रान वैरिएंट के प्रवेश से खलबली मच गई हैं। राजस्थान में भी दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक परिवार के 4 सदस्य संक्रमित मिले हैं और इनसे मिले रिश्तेदारों में एक बच्चे सहित 5 लोग संक्रमित हो चुके हैं। राजस्थान में कोरोना के 24 घंटे में 21 केस मिले हैं। जयपुर, अजमेर, अलवर, उदयपुर समेत 9 जिलों में नए मरीज मिले हैं। जयपुर में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 2 स्कूली बच्चे पॉजिटिव मिले हैं। इधर, पूर्व शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा भी पॉजिटिव मिले हैं।

इस खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा एक दिन पहले ही सभी सीएमएचओ और विभागीय अफसरों को सख्त चेतावनी दे चुके हैं कि प्रतिदिन कम से कम 1 लाख कोविड सैंपलिंग हर हाल में चाहिए। उन्होंने अफसरों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद हैल्थ मशीनरी ने मंत्री ने आदेश दिया, उस दिन की तुलना में मात्र 3 हजार सैंपल बढ़ाए। बुधवार को 28457 सैंपल लिए गए और गुरुवार को 31836 जांचें की गई। 1 दिसंबर को नए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा की पूरे स्टेट की मीटिंग पांच दिन पहले तय की गई थी। इसकी भनक लगते ही अफसरों ने पूरे प्रदेश में लगातार 2 दिन एक जैसी और महीने की सर्वाधिक सैंपलिंग दिखाई। लेकिन मंत्री उससे भी खुश नहीं हुए।

पिछले नवंबर माह में प्रदेश में 377 नए कोविड पाॅजिटिव मिले। इसके बावजूद चार बार तो जांचें कभी 6 या 7 हजार ही की गई। पूरे माह में एक भी 30 हजार भी सैंपल नहीं लिए गए। जबकि पिछली अप्रैल मई में दूसरी लहर के समय राजस्थान में ही 4 मई को 99418 जांचें भी की जा चुकी हैं। लेकिन दूसरी लहर जाने पर सैंपलिंग की गति दिवाली पर तो बहुत कम रह गई। पिछले एक माह में राजस्थान के स्कूली बच्चे सर्वाधिक शिकार हुए। दो स्कूलों में तो 12 से 14 बच्चे संक्रमित हो गए। कुल चार जिलों की छह नामी स्कूलों में बच्चे कोविड पाॅजिटिव पाए गए। इसके बावजूद सैंपलिंग जस की तस बनी रही। 21 से 29 नवंबर तक बच्चे कोविड पाॅजिटिव मिले, लेकिन उन दिनों सैंपलिंग 6 से 24 हजार के बीच ही रही।