दिल्ली हिंसा: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस से पूछा सवाल - BJP नेताओं के खिलाफ FIR कब?

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने कुल 148 प्राथमिकी दर्ज की हैं तथा 630 लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है। दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने इस मामले में पुलिस पर सवाल उठाए और पूछा, 'भड़काऊ बयान' देने वाले भाजपा नेताओं का नाम भी शिकायत में शामिल किया गया है या नहीं?' पूछा कि 'क्या इन एफआईआर में भड़काऊ बयान देकर दिल्ली में आग लगाने वालों के नाम शामिल हैं? क्या अब मीडिया पूछेगा कि किसके दबाव में बीजेपी नेताओं ने भड़काऊ बयान दिए हैं?'

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि जांच जारी है और हमनें एएसएल दलों को बुलाया है। हम अपराध की तस्वीरें और वीडियोज़ का फिर से मुआयना कर रहे हैं। हमने स्थिति पर काबू पा लिया है और हालात सामान्य हो रहे हैं। अधिकारियों के साथ क्षेत्रों में (बलों) की तैनाती रहेगी। हमने अमन समितियों के साथ करीब 400 बैठकें की हैं।

ट्रैक्टरों में भरकर मंगवाई गई थी ईंटें

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई है। हिंसा में 56 पुलिसकर्मियों समेत 250 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस हिंसा को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अमर उजाला की खबर के अनुसार इस हिंसा के लिए ट्रैक्टरों की मदद से एक हफ्ते पहले ही भट्ठों से ईंटे मंगवा ली गई थी। खबर के मुताबिक, 'हिंसाग्रस्त मुस्तफाबाद, करावल नगर, चमन पार्क, शिव विहार सहित अन्य इलाकों में हिंसा के एक सप्ताह पहले से ही ईंटों से लदे ट्रैक्टरों पहुंचाया गया था और और बोरियों में पत्थर रखकर छतों पर पहुंचाकर उनके टुकड़े किए गए थे।' खबर के मुताबिक जो लोग अपने घरों पर ईंटों को एकत्र कर रहे थे उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि उन्होंने अपने निर्माण कार्यों के उद्देश्य से बड़ी संख्या में ईंटों का ऑर्डर दिया था। हालांकि, जांच से पता चला है कि इन्हीं ईंटों को टुकड़ों में तोड़ा गया था और हिंसा के दौरान इस्तेमाल किया गया था।

खबर के मुताबिक, जहां ईंटे रखी गई थीं उन घरों में कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा है। जिन बोरों को निर्माण कार्य के तथाकथित उद्देश्य के लिए वितरित किया गया था वे कई घरों की छतों पर खाली पाए गए। अब ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक से ये ईंट के ढेर कैसे आधे हो गए जिसका जवाब जांच के बाद ही मिल सकेगा।