Delhi Oxygen Audit Report: अपनी सफाई में CM केजरीवाल बोले - मेरा गुनाह, लोगों को ऑक्सिजन दिलाने के लिए लड़ा, गिड़गिड़ाया

ऑक्सीजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल की रिपोर्ट को लेकर भाजपा और दिल्ली सरकार फिर आमने-सामने आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की जितनी जरूरत थी, सरकार ने उसे 4 गुणा बढ़ा कर बताया और केंद्र सरकार के सामने अपनी मांग रखी। इससे 12 राज्यों की सप्लाई पर असर पड़ा। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा।

अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर अपने पक्ष रखा है। सीएम केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मेरा गुनाह-मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा। जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, मैं रात भर जग कर Oxygen का इंतज़ाम कर रहा था। लोगों को ऑक्सिजन दिलाने के लिए मैं लड़ा, गिड़गिड़ाया। लोगों ने ऑक्सिजन की कमी से अपनों को खोया है। उन्हें झूठा मत कहिए, उन्हें बहुत बुरा लग रहा है।'

भाजपा हेडक्वार्टर में बैठकर बनाई गई रिपोर्ट

इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं। ये रिपोर्ट भाजपा हेडक्वार्टर में बैठकर बनाई गई है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि अप्रैल के महीने में ऑक्सीजन का संकट पैदा हुआ था,ऑक्सीजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है जिसका पूरा बंटाधार किया था। ये रिपोर्ट बीजेपी दफ्तर में बैठकर उन्हीं के नेताओ ने बनाई है। बीजेपी अब भारतीय झगड़ालू पार्टी हो गई है, जो झूठ बोलकर रोजाना किसी न किसी से लड़ती है। झूठ की इंतहा हो गई है।

मनीष सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा के नेता जिस रिपोर्ट के हवाले से केजरीवालजी को गालियां दे रहे हैं, ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं। भाजपा झूठ बोल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी बनाई थी। हमने इसके मेंबर्स से बात की है। सबका कहना है कि उन्होंने कोई रिपोर्ट साइन ही नहीं की है। जब ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के सदस्यों ने कोई रिपोर्ट साइन ही नहीं की है, अप्रूव ही नहीं की है तो फिर ये रिपोर्ट है कहां? ये कौन सी रिपोर्ट है? कहां से आई है? क्या कोई ऐसी रिपोर्ट है ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की, जिसे मेंबर्स ने अप्रूव किया है और साइन किया है?'

मनीष सिसोदिया ने कहा, 'मैं चुनौती देता हूं भाजपा नेताओं को कि ऐसी रिपोर्ट लाइए। झूठ और मक्कारी की इंतेहा होती है और भाजपा उस चरम पर पहुंच गई है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि कानूनी मामलों में ऐसी चीजें ठीक नहीं है। अप्रैल में ऑक्सीजन का संकट खड़ा हुआ था। जिनके लोग भर्ती थी, वो इस बात को जानते हैं। इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार है, जिसने पूरे देश में ऑक्सीजन मैनेजमेंट का बंटाढार कर दिया।'

मनीष सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा के नेताओं को ये महाझूठ बोलते हुए शर्म आनी चाहिए। भाजपा हेडक्वॉर्टर में बैठकर रिपोर्ट बनाते हैं ये लोग। इसके बाद अरविंद केजरीवालजी को गाली दी जाती है। ये उन तमाम लोगों को गाली दे रहे हैं, जिन्होंने केंद्र के मिसमैनेजमेंट के कारण अपने लोग खोए। मैं मोदीजी से निवेदन करता हूं कि अपने नेताओं को संभाल लें। ये भारतीय झगड़ा पार्टी बन गई है। अपने नेताओं को कुछ ढंग का काम दें।'

सुप्रीम कोर्ट ने बनाया था नेशनल टास्क फोर्स

सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर एक नेशनल टास्क फोर्स बनाया था। दिल्ली के लिए एक अलग कमेटी बनाई थी जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी और एक्सपर्ट की टीम शामिल थी। इस कमेटी का काम ऑक्सीजन की डिमांड का ऑडिट करना था कि कितना जिस राज्य को ऑक्सीजन की जरूरत है। कमेटी ने बेड कैपेसिटी की आधार पर ये आंकलन किया है कि अप्रैल - मई के दौरान दिल्ली को 289 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी, जबकि सरकार ने 1140 मेट्रिक टन की मांग रखी थी।