दिल्ली: कोरोना के नए वैरिएंट Omicron के खतरे को देखते हुए केजरीवाल सरकार अलर्ट, बनाया ये बड़ा प्‍लान

दक्ष‍िण अफ्रीका और दूसरे कई देशों में कोरोना के नए वेर‍िएंट के आए मामलों के बाद द‍िल्‍ली सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट हो चुकी है। दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते अस्‍पतालों में जहां बेड बढ़ाने का काम क‍िया जा रहा है। वहीं कई नए अस्‍पतालों का न‍िर्माण भी क‍िया जा रहा है। कई जगह पर मेक श‍िफ्ट अस्‍पताल भी तैयार क‍िए जा रहे हैं।

द‍िल्‍ली सरकार कोविड-19 (Covid-19) की संभावित तीसरी लहर से न‍िपटने के ल‍िए राज्य नोडल अधिकारी और राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन कर चुकी है। दक्ष‍िण अफ्रीका और दूसरे कई देशों में कोरोना के नए वेर‍िएंट ओम‍िक्रॉन के मामले आने के बाद पूरी सतर्कता बरतने के न‍िर्देश द‍िए जा रहे हैं। साथ ही एक्‍सपर्ट दिल्ली सहित देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका भी जता रहे हैं। एक्‍सपर्ट यह संभावना भी जता रहे हैं कि अगर संभावित तीसरी लहर आती है, तो बीती कोविड-19 लहरों से कहीं ज्यादा मामले आ सकते हैं।

बताया जाता है क‍ि ओम‍िक्रॉन दूसरे कोरोना के सभी वेर‍िएंट से ज्‍यादा घातक होगा। इस सभी के मद्देनजर दिल्ली सरकार कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के प्रबंधन की तैयारि‍यों में तेजी से जुट गई है। हालांक‍ि सरकार की ओर से पहले ही राज्य नोडल अधिकारी और कई कार्य आधारित उप समितियों के तहत एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन की जा चुकी हैं।

बताते चलें क‍ि द‍िल्‍ली सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण को काबू करने और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती से लड़ने के लिए 1544 करोड़ रुपए कैबिनेट ने भी मंजूर क‍िए थे। यह राश‍ि वित्तीय वर्ष 2021-22 में खर्च की जाएगी। इस सभी को सरकार कोरोना महामारी से मजबूती के साथ लड़ने में टेस्टिंग और लैब सुदृढ़ीकरण करने, दवा व उपकरण खरीदने, अतिरिक्त मानव संसाधन जुटाने, अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने और कोविड देखभाल केंद्रों के प्रबंधन आदि पर खर्च करेगी।

द‍िल्‍ली सरकार अस्‍पतालों में बेड्स की संख्या को बढ़ाने की हरसंभव कोश‍िश में जुटी हुई है। सरकार की ओर से जहां मौजूदा अस्‍पतालों में बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं। वहीं नए अस्पतालों का न‍िर्माण भी क‍िया जा रहा है। केजरीवाल सरकार दिल्ली में 7 नए अस्पताल बना रही है ज‍िससे अस्‍पतालों में 6,836 आईसीयू बेड बढ़ जाएंगे। दिल्ली में आईसीयू बेड की क्षमता बढ़कर 17 हजार के पार पहुंच जाएगी। द‍िल्‍ली सरकार की ओर से जो नए आईसीयू बेड बनाए जा रहे हैं वो सरिता विहार, शालीमार बाग, सुल्तानपुरी, किराड़ी, रघुबीर नगर, जीटीबी अस्पताल और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में अस्पताल बनाए जा रहे हैं।

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लगभग 10,000 आईसीयू बेड हैं। नए 7,000 बेड बढ़ाए जाने के बाद आईसीयू बेड़ की क्षमता में लगभग 70% का इजाफा होगा। शालीमार बाग में 1430 आईसीयू बेड़, किराड़ी में 458 आईसीयू बेड़, जीटीबी अस्पताल में 1912 आईसीयू बेड, रघुवीर नगर में 1565 आईसीयू बेड़, सीएनबीसी में 2।32 610 आईसीयू बेड और सुल्तानपुरी में 525 आईसीयू बेड का अस्पताल न‍िर्माणाधीन है। इन अस्पतालों में इमरजेंसी, ओपीडी, वार्ड सहित सभी सुविधाएं उपलब्‍ध होंगी।

इतना ही नहीं संभाव‍ित तीसरी लहर से न‍िपटने के ल‍िए केजरीवाल सरकार सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन सुव‍िधा से लैस करने की कोश‍िश में जुटी हुई है। दिल्ली के अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है, ताकि अस्पतालों की बाहर से ऑक्सीजन लेने की निर्भरता कम हो सके और आपातकाल के दौरान दूसरे अस्पताल भी इन प्लांट्स से ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करा सकें।

आपको बता दे, कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर भारत सरकार की तरफ से अंतरराष्ट्रीय आगमन के दिशानिर्देशों में भी कुछ बदलाव किए गए है। जिसके तहत यात्रा से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर आपको निगेटिव आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट अपलोड करने के साथ-साथ अपने 14 दिनों की यात्रा विवरण जमा करना होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के दिए गए निर्देशों के अनुसार, जो यात्री ऐसे देशों से वापस आए जहां कोरोना का नया वेरिएंट सामने आया है उन्हें भी अपना कोविड टेस्‍ट कराना होगा और एयरपोर्ट पर रिजल्‍ट्स के लिए इंतजार करना होगा। अगर उनका टेस्‍ट निगेटिव आया तो उन्‍हें सात दिन के लिए होम क्‍वारंटीन होना होगा। इसके आठ दिन बाद फिर से टेस्‍ट कराना होगा।