नई दिल्ली। दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में तीन सिविल सेवा उम्मीदवारों की दुखद मौतों की जांच जारी रखने के बीच, दिल्ली अग्निशमन विभाग ने सोमवार (29 जुलाई) को घोषणा की कि उसने राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर की इमारत के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दिल्ली अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया से पुष्टि की कि इमारत का एनओसी रद्द कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि यह घटनाक्रम इस खुलासे के बाद हुआ है कि जिस बेसमेंट में यह घटना हुई थी, उसका अवैध रूप से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। इससे पहले, दिल्ली अग्निशमन सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने पुष्टि की थी कि कोचिंग संस्थान बेसमेंट में लाइब्रेरी चला रहा था, जबकि इमारत के दस्तावेजों में संकेत दिया गया था कि इसे पार्किंग या भंडारण के लिए नामित किया गया था। गर्ग ने कहा कि कोचिंग सेंटर ने सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए अग्निशमन विभाग को बेसमेंट के उपयोग के बारे में गलत जानकारी दी थी।
गर्ग ने बताया, इमारत के पास अग्नि सुरक्षा एनओसी है, लेकिन एनओसी में बेसमेंट को स्टोर रूम के तौर पर दिखाया गया है। संस्थान का प्रबंधन बेसमेंट का इस्तेमाल कक्षा या पुस्तकालय के तौर पर कर रहा था, जो एनओसी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
इस बीच, मामले से जुड़ी ताजा जानकारी में दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की है कि अब तक कुल सात गिरफ्तारियां की गई हैं। उन्होंने बताया कि इसमें कोचिंग संस्थान के मालिक और समन्वयक की गिरफ्तारी के अलावा पांच नई गिरफ्तारियां भी शामिल हैं, जिन्हें पहले ही 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा, राजिंदर नगर की घटना में 5 और गिरफ्तारियां की गई हैं, जिनमें बेसमेंट के मालिक और इमारत के गेट को नुकसान पहुंचाने वाला व्यक्ति भी शामिल है। अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हम मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इसके अलावा, पुलिस ने लोगों को इस त्रासदी के बारे में छात्रों को भड़काने के लिए प्रसारित किए गए फर्जी संदेश से दूर रहने की चेतावनी भी दी। पुलिस ने कहा, हम अनुरोध करते हैं कि बिना सत्यापन के ऐसे संदेशों को आगे न भेजें। ऐसे दुर्भावनापूर्ण संदेशों के पीछे अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।