दिल्ली: किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा और उपद्रव होने के बाद कनॉट प्लेस बंद

दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च में लाल किले के पास जमकर बवाल हो गया। यहां से किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, तो किसानों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। तनाव बढ़ता देख इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया। किसानों के उपद्रव के कारण नई दिल्ली टेडर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कनॉट प्लेस को बंद रखने की घोषणा की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस बंद रखने का परामर्श दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड में अराजकता फैल गई है। किसान सारे नियम-कायदे तोड़ते हुए आईटीओ पहुंच गए हैं। मैंने पुलिस आयुक्त से बात की तो परामर्श मिला कि बाजारों को बंद रखा जाए। हमने उन दुकानों को भी बंद करने के लिए कहा है, जो सामान्य दिन में इस वक्त तक खुल गई होती हैं।

हर साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर आयोजित होने वाली परेड के कारण कनॉट प्लेस दोपहर एक बजे के बाद खुलता है। भार्गव ने कहा, 'आज व्यापारियों के लिए अच्छे कारोबार का दिन है, लेकिन सबकी सुरक्षा ज्यादा जरूरी है इसलिए आज दुकानें बंद रखना ही उचित है।'

किसान नेताओं ने कहा है कि उनकी तरफ से कानून नहीं तोड़ा गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि मार्च में शामिल 32 किसान संगठन ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस की ओर से तय किए रूट पर ही चल रहे थे। पंजाब के किसान बचाओ मोर्चा के नेता कृपा सिंह ने लाल किले में हंगामे का आरोप किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पर लगाया।

ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनेवाल ने कहा कि कुछ गलत लोग किसानों का आंदोलन भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रैक्टर रैली के साथ आगे बढ़ रहे पुनेवाल ने कहा कि उनके ग्रुप का लाल किले की ओर जाने का कोई इरादा नहीं है। वह दिल्ली पुलिस की ओर से तय रूट से ही चलेंगे। इधर, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा कि वह चाहते थे कि किसान सिर्फ तय रूट पर ही ट्रैक्टर परेड निकालें।