Farmers Protest: दिल्ली से सिर्फ 8 किमी दूर पंजाब से चले किसान, कहा- नाश्ता वहीं करेंगे

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसानों के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली आने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा की हुई है। पंजाब से दिल्ली कूच पर अड़े किसानों को पुलिस के वाटर कैनन की बौछारें, रास्ते जाम करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और आंसू गैस के गोले भी नहीं रोक पाए। किसान लगातार आगे बढ़ रहे हैं। रात 2:30 बजे वे दिल्ली से कुंडली बॉर्डर से महज 8 किमी दूर थे। उन्होंने कहा, हरियाणा के सभी बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं, अब शुक्रवार का नाश्ता दिल्ली में ही करेंगे। आज उत्तर प्रदेश में भी किसान सड़कों पर उतरेंगे और कृषि कानूनों का विरोध करेंगे।

किसानों की मंशा इस बार महीनेभर तक प्रदर्शन करने की है। इसके लिए वो अपने साथ इंवर्टर, गैस, स्टोव समेत राशन-पानी और बिस्तर लेकर निकले हैं। NDTV की एक खबर के अनुसार युवा किसान तरप्रीत उप्‍पल कहते हैं, 'हमारे पास दो से तीन महीने तक का स्टॉक है। राशन-पानी स्टोव, खाना, कपड़े, बिस्तर सब साथ लेकर चले हैं।'

खबर के मुताबिक उन्होंने बताया, 'पांच हजार लिटर का टैंक, गैस स्‍टोव, इन्‍वर्टर ऐसी हर सुविधा जिसके बारे में आप सोच सकते हैं, हमारे पास है। गद्दे, रजाई भी ले आए हैं। पर्याप्त मात्रा में सब्जियां भी रख ली हैं।'

इससे साफ है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान इस बार जल्द घर लौटने वाले नहीं हैं। तरप्रीत कहते हैं, 'जितना भी दिल्‍ली में रुकना पड़ेगा, हम रुकेंगे, हम दिल्‍ली 'जीतने' के लिए आए हैं। '

इससे पहले चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे पर अंबाला में स्थित सद्दोपुर बॉर्डर पर किसानों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स तोड़कर घग्घर नदी में फेंक दिए और दिल्ली की ओर बढ़ गए। नेशनल हाइवे जाम होने की से लोगों को काफी परेशानी हुई। लोग कई घंटे जाम में फंसे रहे।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि 3 दिसंबर को उनसे बात की जाएगी, पर किसान अपनी बात पर अडे हैं। वे केंद्र के तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर ट्रकों को आड़ा-तिरछा खड़ा कर रखा है। बॉर्डर पर वाहनों का लंबा जाम है।

नेशनल हाइवे बंद होने से लोग परेशान दिखे। पंजाब-हरियाणा हाइवे पर कई जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। लोग खेतों के रास्ते जाने पर मजबूर हुए। दिल्ली जाने के रास्ते आज भी बंद रहेंगे।

किसान यूनियन के नेताओं ने दावा किया है कि करीब 3 लाख किसान इस विरोध मार्च में हिस्‍सा कर रहे हैं। प्रदर्शन में करीब 700 ट्रालियां है। गुरुवार को चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर 15 किमी लंबा जाम लग गया। अंबाला हाईवे पर इकट्ठा हुए राज्य के किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने उन पर पानी की बौछार भी की। यहां गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। ऐसे में एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है और 100 से ज्यादा किसान नेता हिरासत में लिए गए हैं।

किसान आंदोलन की वजह से चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे बंद रहा। इस वजह से चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट्स के टिकट 1000 फीसदी से भी महंगे हो गए। एयर विस्तारा ने 3 हजार वाली टिकट 35 हजार में बेची। एयर इंडिया ने कहा है कि किसानों के विरोध की वजह से जिन यात्रियों की गुरूवार को फ्लाइट छूट गई, वे इसे रीशेड्यूल करा सकेंगे। यात्रियों को यह सुविधा ‘नो शो वेवर’ के तहत मिलेगी।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए किसानों को दिल्ली में किसी भी तरह के जमावड़े और रैली करने की इजाजत नहीं दी है। दिल्ली में 12 कंपनी फोर्स बाहर से बुलाई गई हैं। नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट और आसपास करीब 2500 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जिनमें पैरमिलिट्री फोर्स भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। सभी चौकियां मुस्तैद हैं।

क्यों हो रहा प्रदर्शन?

केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार MSP हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।