UP में मिला डेल्टा से भी घातक कप्पा वैरिएंट, 109 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में मिले दो मामले

उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा वैरिएंट (Kappa Variant) के दो मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई हाईलेवल मीटिंग में अधिकारियों ने बताया कि 109 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। इसमें इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हालांकि, इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। जिन लोगों में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री तलाशी जा रही है। इस वैरिएंट को भले डेल्टा से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा हो, लेकिन इसके बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कप्पा स्वरूप कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इससे रिकवर हो सकते हैं। KGMU के PRO डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कप्पा वैरिएंट नया नहीं है। यह पहले से है। इसके लिए किसी खास रणनीति की जरूरत नहीं है। इसके इलाज और बचाव के उपाय भी अलग नहीं हैं।

लखनऊ की KGMU में की गई जीनोम सीक्वेंसिंग में संतकबीर नगर जिले के रहने वाले 65 साल के मरीज के सैंपल में यह वैरिएंट मिला था। गोरखपुर में इलाज के दौरान जून में मरीज की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 107 नमूनों में कोरोना की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा स्वरूप की पुष्टि हुई है। 2 सैंपल में वायरस का कप्पा वैरिएंट पाया गया। बयान में कहा गया कि दोनों ही वैरिएंट प्रदेश के लिए नए नहीं हैं

गोरखपुर में सामने आया था मामला

इससे पहले गोरखपुर में यह वैरिएंट मिला था। यह डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है। गोरखपुर के बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में भर्ती 61 मरीजों के नमूने जांच के लिए दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (IGIB) में भेजे गए थे। उनमें से 30 की रिपोर्ट आई है। इनमें एक में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई। IGIB से आई 30 मरीजों का जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में 27 मरीजों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

डॉक्टर्स अब इस बात की आशंका जता रहे हैं कि गोरखपुर में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कप्पा ने भी कहर बरपाया था। इसके बाद शासन ने BRD मेडिकल कॉलेज से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ डीएस नेगी ने कहा कि मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री, परिवार के सदस्यों की जानकारी के अलावा उसके संपर्क में आए लोगों की जानकारी इकट़्ठा की जा रही है।

क्या है कप्पा वैरिएंट?

कप्पा वैरिएंट B.1.617 वैरिएंट के म्यूटेशन से ही पैदा हुआ है, जो डेल्टा वैरिएंट के लिए भी जिम्मेदार है। B.1.617 के 12 से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं, जिनमें से दो अहम हैं- E484Q और L452R। इसलिए इस वैरिएंट को डबल म्यूटेंट भी कहा जाता है। जैसे-जैसे यह विकसित होता गया B.1.617 की नई वंशावली तैयार होती गई। B.1.617.2 को डेल्टा वैरिएंट के नाम से जाना जा रहा है, जो कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसके अन्य वैरिएंट B.1.617.1 को कप्पा कहा जाता है। भारत में अक्टूबर 2020 में इस नए वैरिएंट की पुष्टि हुई थी।