जिस साले की शादी में डांस कर फेमस हुए डब्बू अंकल, उसे बदमाशों ने घर में मारी गोली

सोशल मीडिया पर रातों रात गोविंदा के डांस स्टाइल को कॉपी कर फेमस होने वाले डब्बू अंकल के साले को गोली मारी गई है। मध्य प्रदेश के विदिशा में रहने वाल डब्बू अंकल' यानी संजीव श्रीवास्तव पिछले महीनों में ''डांसर अंकल' के नाम से फेमस हो गए हैं। तब उनका एक डांस सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें वो अपने साले की शादी में गोविंदा के गाने 'मैं से मीना से न साकी से' पर डांस कर रहे थे।

जानकारी के अनुसार, ग्वालियर में डांसर डब्बूजी की उदाजी की पायगा स्थित ससुराल के आसपास पिछले पांच दिन से संदिग्ध युवक घूम रहा था। जब कुशाग्र ने उसे टोका तो उसने कुशाग्र के पैर में 12 बोर की बंदूक से गोली मार दी। घटना सोमवार दोपहर घर से 50 मीटर की दूरी पर हुई। पुलिस का दावा है कि मोहल्ले के लोगों की मदद से आधा किलोमीटर पीछा कर युवक को बंदूक के साथ पकड़ लिया गया। युवक मुरैना का है और पिछले साल से वेतन नहीं मिलने से कुशाग्र के पिता से खफा था।

श्याम मोहन श्रीवास्तव की वर्तमान में गोहद जनपद में सीईओ के पद पर पोस्टिंग है। इससे पहले वह सबलगढ़ व अम्बाह में सीईओ के पद पर रह चुके हैं। पिछले चार-पांच दिन से एक युवक इनके घर के आसपास घूम रहा था। श्याम मोहन के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में युवक कैद हो गया। श्रीवास्तव परिवार युवक की गतिविधियों से दहशत में था, लेकिन पहचान नहीं हो पा रही थी।

कुशाग्र ने बताया कि वह सोमवार की सुबह ऑफिस जाने की तैयारी कर रहा था। तभी उनकी नजर सीसीटीवी कैमरे की स्क्रीन पर पड़ी। स्क्रीन पर युवक नजर आ रहा था। मुंह पर कपड़ा बांधे हुए था। कुशाग्र युवक को पकड़ने के लिए घर से बाहर निकला। उसने पड़ोस में रहने वाले कुलदीप शर्मा को बुला लिया। तब तक युवक उनके घर से 50 मीटर की दूर मंदिर तक पहुंच गया। इसी बीच जॉली भी वहां आ गया।

कुशाग्र व उसके दोनों साथियों ने युवक को पकड़ लिया। इस बीच उसने गोली चला दी जो कुशाग्र के पैर में लगी। पकड़े गए युवक ने अपना नाम अमित (25) पुत्र कृष्ण कुमार उपाध्याय निवासी मथुरा वाली गली मुरैना बताया है।

आरोपित अमित ने पुलिस को बताया कि पांच साल पहले उसकी नौकरी सहायक सचिव चांदपुर पंचायत जिला मुरैना में लगी थी। उसे ज्वॉइन करा लिया था, लेकिन सचिव ने कोई काम नहीं दिया। जिससे वह डिप्रेशन में था। अमित ने बताया कि श्याम मोहन उस समय अम्बाह जनपद में सीईओ थे और सबलगढ़ से आए थे। एक साल पहले उनका ट्रांसफर गोहद जनपद में हो गया।

अमित का कहना है कि श्रीवास्तव उनके प्राथमिक अधिकारी थे। उनसे भी वेतन निकलवाने में मदद करने की गुहार की, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की। इसलिए उन्हें सबक सिखाने के लिए घर के चक्कर लगा रहा था। वह घर से पिता की लाइसेंसी बंदूक लाया था।