उत्तरप्रदेश : लाखों रूपये की साइबर जालसाजी, जानें किस तरह दिया गया ठगी को अंजाम

बदलते समय के साथ ही अपराध का तरीका भी बदलने लगा हैं और अपराधी तकनीक की मदद लेने लगे हैं। साइबर जालसाजी से अपराधी लोगों के अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला लखनऊ में जहां कस्टमर केयर कर्मचारी बनकर तीन लोगों के खातों से लाखों रूपये निकाले गए। पीड़ितों ने कृष्णानगर, जानकीपुरम व हजरतगंज में केस दर्ज कराया है। अपराध को अंजाम देने के लिए कार्ड क्लोनिंग तकनीक का उपयोग किया गया।

कृष्णानगर कन्हैया विहार निवासी प्रवीण कुमार ने अमेजन से एक पार्सल बुक कराया था।कई दिन गुजरने के बाद भी सामान घर नहीं पहुंचा। प्रवीण ने इंटरनेट पर तलाश कर कस्टमर केयर के नंबर पर कॉल किया। उनकी बात हुई जिसमें पता चला कि दूसरी जगह पर पार्सल दे दिया है। इसके बाद उन्हें दूसरे नंबर से कॉल कर बुक कराये गये सामान व खाते की डिटेल पूछी गई। फिर ठग ने प्रवीण से मोबाइल पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करने को कहा। एप डाउनलोड करने के बाद आरोपी ने उनसे 9 डिजिट का कोड पूछा और खाते से 95 हजार रुपये निकाल लिए।

उधर, जानकीपुरम निवासी रज्जू साहू का इंडसइंड बैंक में खाता है। रज्जू के मुताबिक, 11 सिंतबर को खाते से एक लाख 20 हजार रुपये निकाले गए। रकम निकलने का मैसेज मिलने पर उन्हें जानकारी हुई। बैंक पहुंच कर पूछताछ करने पर पता चला कि कार्ड क्लोनिंग की गई है। इसके अलावा महानगर निवासी मनीष राघव की मां को ठगों ने ट्रेजरी कर्मी बन कॉल किया था। केवाईसी अपडेट करने का झांसा देकर उनसे खाते की डिटेल लेने के बाद ठग ने 74 हजार रुपये हड़प लिए।