क्रिप्स मिशन की विफलता बनी थी भारत छोड़ो आन्दोलन की उपज का कारण, जानें

भारत छोड़ो आन्दोलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 9 अगस्त 1942 को आरम्भ किया गया था। यह एक आन्दोलन था जिसका लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आन्दोलनं गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरम्भ हुआ। यह भारत को तुरन्त आजाद करने के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था। क्रिप्स मिशन की विफलता इस आन्दोलन को शुरू करने का कारण बना। लेकिन यह क्रिप्स मिशन क्या था, आइये हम बताते हैं क्रिप्स मिशन से जुडी मुख्या बातें।

* मार्च 1942 में स्टैफ़ोर्ड क्रिप्स ने एक विशेष योजना बनायी, जिसे क्रिप्स मिशन नाम दिया गया।

* क्रिप्स मिशन के अंतर्गत ब्रिटिश सरकार ने भारत को डोमिनियन का अधिकार दिया।

* भारतीयों को इस मिशन के अंतर्गत अपना संविधान बनाने का मौक़ा दिया गया।

* भारतीयों को इस मिशन के अंतर्गत अपना संविधान बनाने का मौक़ा दिया गया।

* क्रिप्स मिशन हालाँकि कांग्रेस, मुस्लिम लीग आदि को संतुष्ट करने के लिए लाया गया था, अतः इसे इन सभी के द्वारा ठुकरा दिया गया।

* महात्मा गाँधी एक अखंड भारत चाहते थे वहीँ दूसरी तरफ मुस्लिम लीग के लोग एक अलग देश पकिस्तान के नाम से चाहते थे। कांग्रेस भारत की मिलिट्री पर पूरा अधिकार चाहती थी और इनका कहना था कि ‘एक ग़ुलाम देश किसी भी तरह से आगे नहीं बढ़ सकता है।’

* मुस्लिम लीग के अनुसार क्रिप्स मिशन में मुस्लिमों को न्यूनतम अधिकार दिया गया था।

* हिन्दू महासभा ने पकिस्तान के चर्चे की वजह से इसे नकार दिया।

* क्रिप्स मिशन के फेल होने का सबसे बड़ा कारण था कि इसमें सत्ता के हस्तानान्तरण की कोई भी शर्त स्पष्ट नहीं थी। इसी के साथ इसे भारत की सभी राजनीतिक संस्थानों ने भी ठुकरा दिया था।