ये क्रिकेट खिलाडी कर चुके है खुदखुशी जिसमें भारतीय भी शामिल

क्रिकेट के खेल में हर खिलाडी चाहता है कि वह अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करें और हमेशा उन्नति की ओर बढे। ऐसे कई खिलाडी है जिनको इस खेल में फर्श से अर्श तक पहुँचते हुए देखा हैं और कई ऐसे भी है जो कई कारणों की वजह से अर्श से फर्श पर आ पहुंचे। लेकिन कुछ खिलाडी ऐसे ही हैं जिन्होंने इस जिंदगी से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। जी हाँ, आज हम आपको कुछ ऐसे ही क्रिकेटर्स के बारे में बताने जा रह हैं जिन्होनें खुदखुशी की है। आपको जानकर हैरानी होगी की इसमें भारतीय खिलाडी के भी नाम हैं। तो आइये जानते हैं उन खिलाडियों के बारे में जिन्होनें खुदखुशी की।

* डेविड बेयरस्टो

इंग्लैंड के इस खिलाड़ी ने देश के लिए 4 टेस्ट और 21 वनडे मैच खेले। 459 फर्स्ट क्लास और 429 लिस्ट ए खेलों में भी वह शामिल हुए थे। वह उन विस्फोटक बल्लेबाजों में से थे, जो कभी इंग्लैंड के लिए खेलते थे। एक बार उन्होंने यॉर्कशायर को एक मैच जिताया था, जिसमें 80 रनों की जरूरत थी और केवल एक विकेट शेष बचा था। 1990 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और कमेंटेटर बन गए। 1997 में उन्होंने काफी सारी गोलियां खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी, लेकिन बच गए थे। बाद में 1998 में उन्होंने यॉर्कशायर स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने वित्तीय परेशानियों और पत्नी की बीमारी के चलते ऐसा किया।

* हलीमा रफीक

2014 में पाकिस्तान की महिला क्रिकेटर हलिमा रफीक की आत्महत्या से पूरा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सकते में था। मुल्तान की रहने वाली इस क्रिकेटर ने मुल्तान क्रिकेट क्लब के चेयरमैन मुहम्मद सुल्तान आलम अंसारी पर एक मैच के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उनके टीममेट्स भी उनके साथ खड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि टीम सिलेक्टर मोहम्मद जावेद और अंसारी ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में सिलेक्ट करने के लिए शारीरिक संबंध बनाने की मांग की थी। इसके बाद अंसारी ने उन पर झूठा इल्जाम लगाने के लिए 2 करोड़ रुपये मानहानि की मांग की। 13 जुलाई 2014 को उन्होंने एसिड पीकर खुद को मौत के हवाले कर दिया।

* पीटर रोबक

सोमेरसेट के लिए 335 फर्स्ट क्लास मैच और 17,558 रन बनाने वाले पीटर रीबक का प्रदर्शन काबिलेतारीफ था, लेकिन उन्हें कभी इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड, द एज और ईएसपीएन क्रिकइन्फो में कॉलम्स लिखे और रेडियो कॉमेंट्री भी की। नवंबर 2011 को जब वह ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका टेस्ट मैच कवर करने के लिए केपटाउन में थे तो पुलिस एक 26 वर्षीय जिम्बाब्वे नागरिक के कथित यौन उत्पीड़न मामले में उनसे पूछताछ करने पहुंची। लेकिन उसी दिन रोबक ने बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली।

* अमोल जिचकर

नागपुर के इस पूर्व रणजी प्लेयर ने 1998-2002 के बीच 6 रणजी ट्रॉफी मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 3।64 रन प्रति ओवर की दर से 7 विकेट लिए थे। वह विदर्भ की अंडर 19 टीम का भी हिस्सा थे। 26 अप्रैल 2017 को नागपुर पुलिस को उनके घर के सीलिंग फैन से उनका शव दुपट्टे से लटका हुआ मिला था। उनके परिवार ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें बिजनेस में घाटा मिल रहा था।

* शिवेश राजन मजूमदार

1997 में नॉर्थ जोन इंटर-यूनिवर्सिटी क्रिकेट चैम्पियनशिप में उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद वह अंपायर बन गए। लेकिन खराब वित्तीय हालत के कारण उन्होंने जुलाई 2009 में खुदकुशी कर ली थी। इससे पहले उन्होंने लखनऊ डिवेलपमेंट अथॉरिटी में 8 साल तक बतौर कर्मचारी काम किया, जिसमें उन्हें सिर्फ 3000 रुपये प्रतिमाह मिलते थे।