सीरम इंस्टीट्यूट जल्द बच्चों पर करने जा रही कोवोवैक्स वैक्सीन का ट्रायल, DCGI से लेनी होगी मंजूरी

कोरोना की दूसरी लहर के तांडव के बाद अब इसकी तीसरी लहर के आने की आशंका जताई जा रही हैं जिसे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जल्द बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने की जरूरत हैं। ऐसे में अब सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोवोवैक्स वैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर करने वाला हैं जिसके लिए वह जल्द ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मांगेगी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक शुरुआत में वैक्सीन का ट्रायल 12 से 18 साल के उम्र के बच्चों पर किया जाएगा। इसके अगले फेज में 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर ट्रायल किया जाएगा।

वैसे 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल 18 जून से शुरू हो चुका है। नोवावैक्स ने पिछले साल सितंबर में सीरम के साथ उत्पादन समझौते का ऐलान किया था। इस महीने नोवावैक्स ने घोषणा की थी कि वैक्सीन ने फेज 3 ट्रायल में शानदार रिजल्ट दिए हैं। ये ट्रायल्स अमेरिका और मेक्सिको में 119 जगहों पर हुए थे। इस ट्रायल में 29 हजार 960 लोग शामिल हुए थे। ट्रायल्स के बाद मिले डेटा के मुताबिक ये वैक्सीन करीब 90.4 प्रतिशत असरदार है। पिछले दिनों नीति आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़े यह संकेत भी देते हैं कि टीका सुरक्षित और बेहद प्रभावी है।

बता दें सीरम इंस्टिट्यूट की तरफ से ये कोरोना की दूसरी वैक्सीन है। कंपनी पहले से ही ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविशील्ड वैक्सीन बना रही है। सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, 'हमने एक नया मुकाम हासिल किया है। इस सप्ताह हमने कोवोवैक्स की पहले खेप तैयार करनी शुरू कर दी है। पुणे में हमारे कारखाने में निर्मित कोवोवैक्स के पहली खेप को देखने के लिए हम उत्साहित हैं। इस टीके में 18 साल से कम उम्र की हमारी भावी पीढ़ियों को बचाने की काफी क्षमता है।' बता दें कि भारत बायोटेक भी अपनी वैक्सीन- कोवैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर कर रही है। फिलहाल दुनिया के कई देशों में 12 से 18 साल के बच्चों को फाइज़र की वैक्सीन लगाई जा रही है।