चीन में कोरोना से हाहाकार...लाखों मौतों की आशंका, भारत को कितना खतरा? एक्सपर्ट ने बताया

चीन में कोरोना जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। चीन की कोरोना स्थिति की बात करें तो वहां पर हालात कंट्रोल से बाहर जाते दिख रहे हैं। मामले तो बढ़ ही रहे हैं, अस्पतालों में मरीजों का इलाज हो सके, ये भी बड़ी चुनौती बन गया है। बीजिंग में श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोरोना केस दिनों नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं।

अमेरिका के एक रिसर्च इंस्टीट्यू ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2023 में चीन में कोरोना विस्फोट हो सकता है और अगले साल 10 लाख से ज्यादा लोग की मौत हो सकती है। कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है और चीन के लिए भी यही चिंता बन सकता है, क्योंकि अब भी बहुत से बुजुर्गों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, अब तक 60 साल से ऊपर की 87% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है, लेकिन 80 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ 66.4% बुजुर्गों को ही वैक्सीन लगी है।

चीन में हुए इस कोरोना विस्फोट ने भारत की चिंता भी बढ़ा दी है। पहले भी चीन के बाद ही कोरोना का वायरस दुनिया के दूसरे देशों तक फैला। तो क्या फिर चीन में पैदा हुए कोरोना संकट का असर भारत पर भी दिखने वाला है? क्या भारत को फिर कोरोना विस्फोट के लिए तैयार हो जाना चाहिए?

अब एंटी टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य और कोविड टीकाकरण अभियान के प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा ने दो टूक कहा है कि भारत को चीन की स्थिति से चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। वे कहते हैं कि हम सुन रहे हैं कि चीन में कोरोना वायरस फिर तेजी से पैर पसार रहा है। लेकिन भारत की बात करें तो यहां बड़े स्तर पर टीकाकरण किया जा चुका है। एडल्ट पॉपुलेशन में तो ज्यादातर लोगों को टीका लग चुका है। एनके अरोड़ा ने ये जानकारी भी दी है कि दुनिया में अब तक जितने भी कोरोना के सब वैरिएंट आए हैं, उनके मामले भारत में मिल चुके हैं। ऐसे में चिंता करने की जरुरत नहीं है बस सिर्फ सावधानी बरतने की जरूरत है।