देशभर में जारी कोरोना संक्रमण के बीच ऐसी कई घटनाएं सामने आईं हैं, जिसमें लोग घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हो रही हिंसा को लेकर सरकार ने 123 साल पुराने महामारी कानून में बड़ा बदलाव कर हिंसा के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया है। वहीं, सरकार के इस बदलाव पर राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है। अध्यादेश में मुताबिक स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला अब गैर जमानती अपराध होगा। 30 दिन में जांच पूरी होगी। एक साल में फैसला आएगा।
स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला हुआ तो कानून इस तरह काम करेगा- आरोग्यकर्मियों पर हमला और गैर-जमानती अपराध माना जाएगा
- जांच अधिकारी को 30 दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी
- ऐसे अपराध में 3 महीने से 5 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है
- गंभीर चोट आने की स्थिति में 6 महीने से 7 साल तक की सजा और एक लाख से 5 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है
- अगर आरोग्यकर्मियों की गाड़ी और क्लीनिक का नुकसान होता है तो उसकी मार्केट वैल्यू का दोगुना हमला करने वालों से वसूला जाएगा
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कोरोना संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में लगता हैं कितना समय, क्लिक कर जानें यह जरूरी जानकारीबता दे, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बारे में बताते हुए कहा था कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून में बदल जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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